सांसद संजना जाटव ने अपने सिपाही पति कप्तान सिंह को अपना निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) नियुक्त करवाया है। इस फैसले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खूब चर्चा बटोरी है। इस पर सांसद ने अपने पति को अपनी ताकत बताया है।
सिपाही बना सांसद पत्नी का सुरक्षा अधिकारी : संजना जाटव ने कहा- 'मेरे पति मेरी ताकत', जानें कर्तव्य और प्यार की अनोखी दास्तान
Aug 21, 2024 17:20
Aug 21, 2024 17:20
मेरे पति मेरी ताकत : सांसद पत्नी
सांसद पत्नी ने कहा कि उनके पति कप्तान सिंह उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं, और अब वो ड्यूटी के दौरान भी उनके साथ रहेंगे। संजना ने कहा, "मेरे पति हमेशा मेरे साथ रहे हैं, चाहे वह निजी जीवन हो या अब सार्वजनिक जीवन में। अब जब वह मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे, तो यह मेरे लिए गर्व की बात है।" संजना जाटव ने आगे कहा, "सांसद बनने के बाद भले ही मेरी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, लेकिन मेरे और मेरे परिवार के बीच का रिश्ता आज भी वैसा ही है। मैं अभी भी घर के सभी काम करती हूं और अपने बच्चों का ध्यान रखती हूं।"
कैसे हुई नियुक्ति?
अलवर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद शर्मा ने इस नियुक्ति की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सभी सांसदों और विधायकों को उनकी पसंद के अनुसार निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) दिया जाता है। संजना जाटव ने अपने पति कप्तान सिंह को अपना PSO बनाने के लिए एक औपचारिक पत्र एसपी को भेजा था। एसपी ने उस पर कार्यवाही करते हुए कप्तान सिंह को उनकी सुरक्षा का जिम्मा सौंप दिया। एसपी आनंद शर्मा ने कहा, "कप्तान सिंह अलवर जिले के थानागाजी पुलिस स्टेशन में तैनात थे। अब उन्हें सांसद संजना जाटव का निजी सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसमें यह विशेषता है कि कप्तान सिंह संजना जाटव के पति हैं।"
संजना जाटव का राजनीतिक सफर
संजना जाटव का राजनीति में कदम रखना भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उनकी राजनीति में एंट्री उनके ससुर हरभजन सिंह की प्रेरणा से हुई। संजना ने पहली बार 2021 में अलवर के वार्ड नंबर 29 से जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद, कांग्रेस पार्टी ने 2023 में कठूमर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें विधायक का टिकट दिया। हालांकि, इस चुनाव में संजना मात्र 409 वोटों के अंतर से हार गईं। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उनकी हार से हार नहीं मानी। 2024 के लोकसभा चुनाव में संजना जाटव को भरतपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया। इस बार संजना ने न केवल चुनाव जीता बल्कि 52,000 वोटों के भारी अंतर से भाजपा प्रत्याशी को पराजित किया। इस तरह संजना मात्र 26 वर्ष की आयु में राजस्थान की सबसे युवा सांसद बन गईं।
परिवार और पेशेवर जीवन का बेहतरीन संतुलन
संजना जाटव की यह उपलब्धि उन्हें केवल एक युवा नेता ही नहीं बनाती, बल्कि एक ऐसी महिला भी बनाती है, जिसने अपने परिवार और पेशेवर जीवन को संतुलित करते हुए बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए हैं। वह अपने घर के कामों को स्वयं करती हैं, अपने बच्चों का ध्यान रखती हैं और पारिवारिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। इसके साथ ही, राजनीति में भी वह अपना नाम रोशन कर रही हैं। संजना का कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी के साथ भी बेहतरीन संबंध है, जो उनके राजनीतिक करियर में सहायक साबित हो रहा है। प्रियंका गांधी के सहयोग से, संजना ने न केवल अपनी राजनीतिक पहचान बनाई बल्कि भरतपुर जैसी महत्वपूर्ण लोकसभा सीट से जीत हासिल की।
नया बदलाव और नई जिम्मेदारी
अब संजना जाटव के जीवन में एक नया मोड़ आया है, जहां उनके पति कप्तान सिंह उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। यह फैसला संजना की अपने पति के प्रति विश्वास और सम्मान को दर्शाता है। अब कप्तान सिंह न केवल एक पुलिस कांस्टेबल हैं, बल्कि उनकी पत्नी, जो कि एक सांसद हैं, की सुरक्षा का भार भी उनके कंधों पर है। इस निर्णय के बाद, संजना जाटव ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपने परिवार और अपने राजनीतिक जीवन को पूरी तरह से संतुलित करने की कोशिश कर रही हैं। उनकी यह सोच और उनके पति के प्रति विश्वास उन्हें एक मजबूत महिला और सक्षम नेता के रूप में स्थापित करता है।
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