अब गांवों में मिलेगा बेहतर इलाज : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होंगे 74 प्रकार के टेस्ट, जानें कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होंगे 74 प्रकार के टेस्ट, जानें कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी
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Jan 03, 2025 12:05

देश के हर गांव में अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 74 प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। इससे गांवों में रहने वाले लोगों को अब शहरों तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे अपने ही गांव में उच्च गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य परीक्षण करवा सकेंगे। जानिए, कौन-कौन सी जांचें अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध होंगी।

Jan 03, 2025 12:05

New Delhi News : केंद्र सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभकारी कदम उठाया है, जो खासतौर पर देश के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है। अब, देश के हर गांव में स्वास्थ्य जांच की 9 तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीणों को अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए शहरों की ओर न भागना पड़े और वे अपने ही गांव में सभी आवश्यक जांच करवा सकें।

क्या क्या जांचें मिलेंगी अब गांवों में?
अब हर गांव में जो जांचें उपलब्ध कराई जाएंगी, उनमें शामिल हैं – ब्लड ग्लूकोज, मलेरिया, परिधीय रक्त स्मीयर (फाइलेरियासिस के लिए गाढ़ा स्मीयर), एचआईवी और सिफलिस स्क्रीनिंग, टीबी के लिए बलगम जांच और रक्त के जरिए टीबी संक्रमण परीक्षण (टीएसटी/साइ-टीबी)। इसके अलावा, यूरिन एल्बुमिन, यूरिन गर्भावस्था परीक्षण और परिधीय रक्त स्मीयर के स्लाइड टेस्ट जैसी अन्य महत्वपूर्ण जांचें भी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर की जा सकेंगी।

इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उन स्थानों पर भी गंभीर बीमारियों का समय रहते पता लग सकेगा, जहां लोग आमतौर पर डॉक्टर के पास जाने से कतराते थे या फिर वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी थी।

नई योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होगी
आज भी बहुत से छोटे गांवों और कस्बों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। लोग किसी गंभीर बीमारी के लक्षण दिखने पर शहरों की ओर रुख करते हैं, जहां उन्हें न केवल उच्च कीमतों का सामना करना पड़ता है, बल्कि इलाज में देरी होने से समस्या और भी जटिल हो जाती है। ऐसे में यह नई योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित होने वाली है। अब उन्हें इन जांचों के लिए शहरों तक नहीं जाना पड़ेगा और न ही ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।

पांच साल बाद संशोधित की जा रही सूची
गांवों और कस्बों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची (NEDL) को संशोधित किया है। इस सूची में अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में 74 से लेकर 171 प्रकार की जांचें निशुल्क उपलब्ध होंगी। इसका मतलब है कि अब हर किसी को चाहे वह दूरदराज के गांव में रहता हो या किसी छोटे कस्बे में, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। बता दें कि देश के आखिरी छोर तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पहली बार साल 2019 में राष्ट्रीय आवश्यक निदान सूची (एनईडीएल) जारी की गई थी। जिसे अब संशोधित किया जा रहा है।  

कम से कम 500 रुपये और अधिक से अधिक 30,000 रुपये तक की बचत
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, एक मरीज को सामान्य तौर पर इन जांचों के लिए 500 रुपये तक खर्च करने पड़ते थे, लेकिन यदि उन्हें शहरों में जाकर यही जांच करानी होती थी, तो वह 25,000 से 30,000 रुपये तक खर्च करते थे। ऐसे में यह पहल ग्रामीणों के लिए बेहद राहत देने वाली है, क्योंकि अब उन्हें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में मिलेंगी।

आयुष्मान भारत आरोग्य मंदिरों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में 1,75,338 आरोग्य मंदिरों की स्थापना की गई है। पहले इन मंदिरों में 12 प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही थीं, लेकिन अब नई योजना के तहत, इन मंदिरों में भी हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का परीक्षण उपलब्ध होगा। इससे और भी ज्यादा लोग इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे और अपनी सेहत को लेकर जागरूक हो सकेंगे।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद
केंद्र सरकार ने इसे अपने हेल्थकेयर सुधारों का एक बड़ा हिस्सा बनाया है। इस नए मसौदे के बाद, अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी वो सभी चिकित्सा जांचें उपलब्ध होंगी, जो पहले केवल बड़े शहरों में ही मिल पाती थीं। इस योजना से न केवल ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य मिलेगा, बल्कि सरकार को भी लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

छह-आठ महीने में शुरू होगा अमल
केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक, इस पहल का पूरा विस्तार आने वाले छह से आठ महीनों में किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि इस योजना के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा और लोग अपने घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। इस कदम से सरकार यह सुनिश्चित करने में भी सक्षम होगी कि हर नागरिक को समय पर और सही इलाज मिल सके।

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