कोविड-19 महामारी से लड़ाई जारी : एक बार फिर COVID के नए वेरिएंट FLiRT ने बढ़ाई चिंता, जानें लक्षण और कितना है खतरनाक

एक बार फिर COVID के नए वेरिएंट FLiRT ने बढ़ाई चिंता, जानें लक्षण और कितना है खतरनाक
UPT | कोविड-19

May 16, 2024 14:52

कोरोना हमारे जीवन में ऐसा हो गया है, मानों अब इससे पीछा नहीं छूटने वाला। सारा जीवन इसके नए-नए वेरिएंट से लड़कर ही गुजारना पड़ेगा। क्योंकि एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक देकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। जहां लोगों को ऐसा लग रहा था कि कोरोना वैक्सीन लगवाकर डरने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन जैसे ही नए वायरस का आगमन होता है...

May 16, 2024 14:52

New Delhi : कोरोना हमारे जीवन में ऐसा हो गया है, मानों अब इससे पीछा नहीं छूटने वाला। सारा जीवन इसके नए-नए वेरिएंट से लड़कर ही गुजारना पड़ेगा। क्योंकि एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक देकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। जहां लोगों को ऐसा लग रहा था कि कोरोना वैक्सीन लगवाकर डरने की जरूरत नहीं हैं, लेकिन जैसे ही नए वायरस का आगमन होता है, चिंता अपने आप बढ़ जाती है। अब लोगों की इस चिंता को बढ़ाने आ गया है कोरोना का एक और नया वेरिएंट FLiRT, जिसने लोगों की सांसे फुला दी हैं। फिलहाल जानिए यह वेरिएंट कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं, और कोविड के इस वेरिएंट से कैसे बचा जा सकता है। 

दो वायरस से मिलकर बना FLiRT
दुनिया कोविड-19 महामारी से लगातार उबरने की कोशिश कर रही, इसी बीच एक नए कोविड वेरिएंट FLiRT ने लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस के इस नवीनतम रूप ने न केवल वैज्ञानिकों को चिंतित किया है, बल्कि आम लोगों के बीच भी डर और असुरक्षा की लहर दौड़ गई है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, FLiRT एक समूह वेरिएंट का संग्रह है जिसमें कई वेरिएंट शामिल हैं। इसमें ओमिक्रॉन के उपसमूह जेएन.1, केपी.2 और केपी 1.1 प्रमुख हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, FLiRT का संक्रमण पूरे अमेरिका में तेजी से फैल रहा है और केपी.2 स्ट्रेन सबसे अधिक चिंता का विषय बना हुआ है।

FLiRT बढ़ा सकता है चिंता
वैज्ञानिकों का कहना है कि FLiRT वायरस पिछले ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत हो रहा है और गर्मियों में तेज गति से फैलने की संभावना है। पिछले दो हफ्तों में, अमेरिका में लगभग 25 प्रतिशत नए कोविड-19 मामले केपी.2 स्ट्रेन से जुड़े हुए थे। हालांकि, इसे तेजी से फैलने वाला वायरल वेरिएंट नहीं कहा जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इस पर गंभीरता से नजर रख रहा है। FLiRT के लक्षण अन्य कोविड-19 वेरिएंट के समान ही हैं, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश और थकान आदि शामिल हैं। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि गर्मियों के दौरान तापमान बढ़ने के साथ संक्रमण की संख्या भी बढ़ सकती है। इसलिए, लोगों को सावधानी बरतनी होगी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

सतर्क रहने की जरुरत
वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि FLiRT को रोकने के लिए समय रहते उचित कदम उठाने की जरूरत है, क्योंकि यह एक नई लहर का रूप ले सकता है। हालांकि, कोविड-19 वैक्सीन की प्रभावशीलता पर FLiRT के असर को लेकर अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक इस पर अध्ययन कर रहे हैं। इस नए वायरल खतरे के बीच, स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और जरूरी सावधानियां बरतें। वैक्सीनेशन और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया एक बार फिर से कोरोनावायरस से लड़ाई लड़ रही है।

भारत में स्थिति
INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) की तरफ से की गई 250 KP.2 जीनोम सीक्वेंसिंग में 128 केसेज महाराष्ट्र में पाए गए। सामने आया है कि मार्च में सबसे ज्यादा KP.2 सीक्वेंसेज केसेज पाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक डेटा बताता है, कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा अनुपात में KP.2 सीक्वेंस रिपोर्ट कर रहा है। बीते 60 दिनों में GISAID में भारत की तरफ से अपलोड किए गए कुल डेटा में 29 फीसदी KP.2 का था। फिलहाल, भारत में JN.1 वेरिएंटएं का ही सबसे ज्यादा असर है। आंकड़े बता रहे हैं कि 14 मई को भारत में कोविड के 679 एक्टिव केस थे। भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया (Indian SARS-CoV-2 Consortium on Genomics- INSACOG) द्वारा महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब और गुजरात राज्यों में वायरस के नमूनों के जीनोम अनुक्रमण (Genome sequencing) के दौरान एक साथ दो म्यूटेंट- E484Q और L452R की उपस्थिति का भी पता चला है।

CDC रिपोर्ट और FLiRT के लक्षण
विशेषज्ञों की मानें तो FLiRT सच में कोरोना के दूसरे वेरिएंट से काफी ज्यादा खतरनाक है। जिसको लेकर रिसर्च जारी है। इसे लेकर चिंता इसलिए बनी है, क्योंकि इसमें पाई जाने वाली स्पाइक प्रोटीन में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। कहा जाए तो यह इंसान के शरीर में घुसकर अपने हिसाब से बदलाव कर सकता है। जिसके कारण इस बीमारी का पता शुरुआत में नहीं चलता है,जो आगे चलकर SARS-CoV-2 जैसी गंभीर बीमारी में बदल जाता है। SARS-CoV-2 कोरोना वायरस का खतरनाक वेरिएंट है, जो सीधा इंसान की सांस लेने वाली नली में गंभीर इंफेक्शन का कारण बनता है। आखिर में लंग्स में इतना ज्यादा कफ हो जाता है कि मरीज सांस भी ठीक से नहीं ले पाता है। इसका पता तब चलता है जब व्यक्ति गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। 

FLiRT के लक्षण 
- FLiRT से बुखार के साथ ठंड लगना या सिर्फ बुखार आता है
- इस वायरस से लगातार खांसी बनी रहती है
- गला खराब रहता है
- नाक बंद होना या नाक बहना
- सिर में लगातार दर्द
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- ज्यादा थकान महसूस होना
- स्वाद या किसी भी चीज का गंध नहीं आना
- ठीक से सुनाई नहीं देना
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे पेट खराब होना, हल्का दस्त, उल्टी)

सीडीसी के खास निर्देश
सीडीसी के अनुसार जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारी है कुछ टेस्ट करवाने होंगे। इनमें इन्फ्लूएंजा, RSV, कोविड ​​​​-19 सहित दूसरी सांस की बीमारी से संबंधित जांच करवाने होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। जब भी मौसम में बदलाव होते हैं, कोरोना के केसेस बढ़ते हैं, लेकिन इसे गंभीरता से लेना चाहिए। भले ही कोरोना का वायरस अपना रूप बदलकर आता है, लेकिन कब यह लहर के रूप में बदल जाए यह कहना मुश्किल है। इसलिए खुद भी कुछ बातों का खास ख्याल रखें। टीका लगवाएं और जब आपकी तबीयत ठीक न हो तो घर पर ही रहें, साथ ही  मास्क जरूर पहनें और सोशल डिस्टेंस का पालन करें।

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