देश में हो रही परिक्षाओं के पेपर लीक मामले में आए दिन विपक्षी नेता भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लेती है। इसी में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेपर लीक मामले को लेकर अपने सोशल...
पेपर लीक मामला : प्रियंका गांधी ने भाजपा राज को घेरा, पोस्ट कर कहा- करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया
Jun 22, 2024 03:05
Jun 22, 2024 03:05
प्रियंका ने कहा...
देश में पिछले 5 सालों में 43 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। भाजपा राज में पेपर लीक हमारे देश की राष्ट्रीय समस्या बन गया है जिसने अब तक करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। सबसे ज्यादा युवा आबादी हमारे पास है।
देश में पिछले 5 सालों में 43 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। भाजपा राज में पेपर लीक हमारे देश की राष्ट्रीय समस्या बन गया है जिसने अब तक करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 21, 2024
भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। सबसे ज्यादा युवा आबादी हमारे पास है। भाजपा की सरकार हमारे इन…
इसके आगे प्रियंका गांधी ने कहा भाजपा की सरकार हमारे इन युवाओं को कुशल और सक्षम बनाने की जगह उन्हें कमजोर बना रही है। करोड़ों होनहार छात्र दिन-रात मेहनत से पढ़ाई करते हैं, अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, माता-पिता, तन-पेट काटकर पढ़ाई का बोझ उठाते हैं। बच्चे सालों तक वैकेंसी आने का इंतजार करते हैं। वैकेंसी आती है तो फॉर्म भरने का खर्चा, परीक्षा देने जाने का खर्चा, और अंत में सारा प्रयत्न भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। भाजपा का भ्रष्टाचार देश को कमजोर कर रहा है।
जानिए अपराधियों को कितनी मिलती है सजा
भारतीय सरकार ने नेट-यूजीसी (NET), यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC), स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC), रेलवे भर्ती, और बैंकिंग जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024' बनाया है। यह कानून फरवरी 2024 में पारित किया गया था। इस कानून के अनुसार, परीक्षा के पेपर की लीकेज के मामले में दोषी ठहराए जाने पर व्यक्ति को उपयुक्त सजा और जुर्माना दिया जाएगा। अगर किसी अन्य कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने का मामला सामने आता है, तो भी अपराधी को सजा और जुर्माना सुनाया जाएगा। पेपर लीक करने वाले व्यक्ति को दस साल की कारावास के साथ-साथ एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी हो सकता है। दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में अपराधी को तीन से पांच साल की जेल और दस लाख रुपए का जुर्माना भी हो सकता है। अगर किसी संस्थान के परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सामने आता है, तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा और उसकी संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।
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