तंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। कोर्ट ने स्वामी रामदेव का माफीनामा भी स्वीकार करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस लोगों ने गलती की है और इसका नतीजा भुगतना होगा।
पतंजलि मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त : रामदेव का माफीनामा अस्वीकार, कोर्ट बोला- नतीजा भुगतना ही होगा
Apr 10, 2024 13:18
Apr 10, 2024 13:18
- पतंजलि मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त
- रामदेव का माफीनामा अस्वीकार
- कोर्ट बोला- नतीजा भुगतना ही होगा
'तीन बार की आदेशों की अनदेखी'
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने मामले में सुझाव दिया था कि बिना शर्त माफी मांगी जाए। लेकिन कोर्ट ने रामदेव का बिना शर्त माफी वाला हलफनामा स्वीकार करने से भी इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इन लोगों ने तीन-तीन बार हमारे आदेशों की अनदेखी की है। इन लोगों ने गलती की है, इसलिए इन्हें नतीजा भुगतना होगा। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं, इसे किसने तैयार किया? मुझे आश्चर्य है।
पहले भी फटकार लगा चुका है कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि यह हलफनामा केवल एक कागज का टुकड़ा है। हम अंधे नहीं है। गलतियां करने वालों को भुगतना भी पड़ता है। फिर उन्हें तकलीफ़ उठानी पड़ती है। हम इस मामले में इतने उदार नहीं होना चाहते। अदालत ने कहा कि हम इसे जानबूझकर किए गए कोर्ट के आदेश की अवहेलना मान रहे हैं। इसके पहले भी कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को उचित हलफनामा दाखिल नहीं करने और नियमों की अनदेखी के लिए फटकार लगाई थी।
मामले में एक शख्स पर लगाया अर्थदंड
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान एक शख्स ने याचिका दाखिल कर पक्ष बनने की मांग की। उसने याचिका में कहा कि मेरी मां ने इस विज्ञापन पर भरोसा किया था, लेकिन उन्हें फायदा नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए शख्स पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगा दिया। कोर्ट ने कहा कि आपने अदालत में सुर्खियां बंटोरने के लिए बीच में कूदते हुए ऐसी याचिका कैसे दाखिल की? ये गलत नीयत से दाखिल की गई है। आपकी मां की मौत 2019 में हुई थी, तो आप इतने सालों तक क्या कर रहे थे?
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