ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इस सुनवाई में, हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में दाखिल की गई याचिका पर विचार किया गया...
ज्ञानवापी केस में बड़ा मोड़ : ASI सर्वे पर SC ने जारी किया नोटिस, मुस्लिम पक्ष से मांगा जवाब
Nov 22, 2024 12:30
Nov 22, 2024 12:30
- ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में SC का आदेश
- ASI सर्वे पर जारी किया नोटिस
- मुस्लिम पक्ष को दो सप्ताह का समय
New Delhi News : ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। इस सुनवाई में, हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में दाखिल की गई याचिका पर विचार किया गया, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे करवाने की मांग की गई थी। सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होनी तय हुई है।
मुस्लिम पक्ष से मांगा जवाब
दरअसल, ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मामले में वाराणसी की निचली अदालत में चल रहे सभी 15 मुकदमों को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से दो हफ्तों में जवाब देने को कहा है। हिंदू पक्ष ने कथित शिवलिंग का ASI सर्वे कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि वह ज्ञानवापी से संबंधित सभी मुद्दों पर एक साथ सुनवाई करेगा। इस मामले में अदालत ने प्रारंभिक सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है।
हिंदू पक्ष के वकील की दलीलें
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई की। हिंदू पक्ष के वकील ने दलील दी कि कुछ याचिकाएं जिला जज के सामने हैं, जबकि कुछ सिविल जज के सामने, जिससे एक ही मामले पर विभिन्न अदालतों से अलग-अलग आदेश निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी से जुड़ी सभी याचिकाओं को एक साथ जोड़कर इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच के सामने ट्रांसफर किया जाए।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने किया विरोध
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि हिंदू पक्ष वजू खाने के सील किए गए क्षेत्र का ASI सर्वे चाहता है, जबकि जिला अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस सर्वे की अनुमति दी थी, लेकिन इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला लंबित रखते हुए कहा कि वह साप्ताहिक या पाक्षिक आधार पर इस मुद्दे पर सुनवाई कर सकता है।
परिसर में शिवलिंग होने का पता चला था
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल की गई याचिका पर दिया, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के 'वजूखाना' क्षेत्र का सर्वेक्षण एएसआई से कराने की मांग की थी। यह याचिका उस दौरान सामने आई, जब ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग का पता चला था।
1991 में सुर्खियों में आया मामला
ज्ञानवापी परिसर को लेकर विवाद आजादी के बाद से ही कई बार चर्चा में रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि ज्ञानवापी परिसर काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा है और इस मुद्दे पर कई मुकदमे भी हुए, लेकिन किसी भी मुकदमे का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका। यह विवाद 1991 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया जब वाराणसी के पंडित सोमनाथ व्यास और अन्य दो व्यक्तियों ने कोर्ट में याचिका दायर की।
एएसआई को दिए गए थे सर्वे के आदेश
इन याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि ज्ञानवापी परिसर काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा है और उन्होंने अदालत से मांग की कि यहां दर्शन, पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों को नियमित किया जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वे करने का आदेश दिया। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में अपील की और हाई कोर्ट ने सर्वे पर स्टे लगा दिया, जिसके बाद से यह मामला अदालत में लंबित है और कोई आगे की सुनवाई नहीं हो पाई है।
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