मंगलवार 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। यह मोदी सरकार का पहला बजट है जो तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद प्रस्तुत किया जा रहा...
क्या है बजट : संविधान में कहां किया गया इसका जिक्र, आखिर क्यों होता है हलवा समारोह, जानिए सभी महत्वपूर्ण बातें
Jul 23, 2024 10:39
Jul 23, 2024 10:39
क्या संविधान में है इसका जिक्र
भारतीय संविधान में बजट के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन 'अनुच्छेद 112' में वार्षिक वित्तीय विवरण के बारे में बात की गई है। इस अनुच्छेद के तहत सरकार को प्रति वर्ष अपनी कमाई और व्यय का विस्तृत जानकारी देना होता है। इसके अलावा बजट पेश करने का अधिकार राष्ट्रपति को होता है। लेकिन लेकिन राष्ट्रपति खुद बजट पेश नहीं करते, बल्कि वह अपने किसी मंत्री को इस कार्य के लिए कह सकते है। हाल ही में जब 2019 में अरुण जेटली बीमार हो गए थे तब पीयूष गोयल ने वित्त मंत्री न रहते हुए भी बजट पेश किया था। जोकि एक अनूठा घटना थी। इस दौरान वित्त मंत्री के क्षेत्रीय बजट पेश करने का काम उन्हें सौंपा गया था।
जानिए कहां से आय बजट शब्द
बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द 'Bougette' से हुआ है। जिसका मतलब है 'चमड़े का बैग'। ऐसा माना जाता है कि सरकारी अधिकारी और उद्योगपति अपनी कमाई और व्यय के दस्तावेजों को चमड़े के बैग में रखते थे। इसी कारण से वित्तमंत्री भी अपने बजट दस्तावेजों को एक चमड़े के बैग में लेकर संसद में प्रस्तुति के लिए जाते थे। ब्रिटेन में इस शब्द का प्रचलन रहा, जिसके बाद यह भारत तक पहुंचा। भारतीय राजनीति और वित्तीय विश्लेषण में बजट का महत्व अत्यंत उच्च है और इसे प्रति वर्ष संसद में पेश किया जाता है।
क्या है बजट?
बजट एक सरकारी प्रक्रिया है जिसमें एक विशिष्ट वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय की योजना बनाई जाती है। यह प्रक्रिया उस समय प्रारंभ होती है जब सरकार अपने विभिन्न स्रोतों से कितनी कमाई और व्यय करने की योजना बनाती है। साधारण भाषा में कहे तो बजट एक साल के लिए सरकार के आने वाले आय और व्यय की एक संवेदनशील नकल होती है। इसमें सरकार अपने अनुमानित आय (कमाई) और खर्च (व्यय) को जानकारी देती है, जिसे वित्त मंत्री या वित्त विभाग पेश करते हैं। बजट के तहत सरकार यह भी बताती है कि इस धन का उपयोग राष्ट्रीय विकास, योजनाओं को समर्थन देने, और आम जनता के भले के लिए कैसे किया जाएगा। बजट तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल कई चरण होते हैं, जैसे कि विभिन्न मंत्रालयों से अनुमानित आय का संग्रह, सामाजिक और आर्थिक मामलों की मार्गदर्शक नीतियों का अध्ययन, और आगामी वर्ष में कार्यों के लिए आवश्यकताओं का मूल्यांकन। बजट प्रस्तावों के माध्यम से सरकार अपनी वित्तीय प्रबंधन की स्थिति को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करती है और इसे संसद या विधायिका को मंजूरी के लिए पेश करती है।
भारत में कौन तैयार करता है बजट
भारत में बजट तैयार करने की प्रक्रिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है। वित्त मंत्रालय अन्य मंत्रालयों से विभिन्न खर्च प्रस्तावों का अनुरोध प्राप्त करता है। इन अनुरोधों का आधार बनाकर वित्त मंत्रालय एक प्रारूपी बजट तैयार करता है। इस प्रक्रिया में नीति आयोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह सरकारी नीतियों और योजनाओं को समझने और उनके अनुसार वित्तीय संसाधनों को आवंटित करने में मदद करता है। बजट तैयार करने के बाद वित्त मंत्री बजट को संसद में प्रस्तुत करते हैं, जहां उसे विभिन्न सदस्यों द्वारा विश्लेषित किया जाता है और सुधार के लिए प्रस्ताव भी दिये जाते हैं। बजट को संसद में मंजूरी मिलने के बाद, यह वित्तीय वर्ष के लिए अंतिम रूप देता है और सरकार को वित्तीय नीतियों को लागू करने का अधिकार देता है।
क्यों होता है 'हलवा समारोह'
भारतीय सरकार द्वारा बजट पेश होने से पहले 'हलवा समारोह' का आयोजन करना एक प्रथमतः प्रतीत होने वाला कार्यक्रम है। यह समारोह उस वक्त का संकेतक होता है जब बजट अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और इसका छपाई कार्य आरंभ हो चुका है। इस अवसर पर वित्त मंत्री द्वारा विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति उनके योगदान के लिए आभार प्रकट किया जाता है। इस समारोह में सरकार अपने बजट बनाने वाले सभी अधिकारियों को सम्मानित करती है, जिन्होंने बजट पेश होने से पहले दिन-रात मेहनत की है। बजट तैयार करने वाले टीम के सदस्यों का परिवारिक संपर्क भी पेश होने तक रोका जाता है, ताकि उनका ध्यान पूरी तरह से कार्य में लग सके। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को लेकर आभार प्रकट के लिए भी हलवा समारोह का आयोजन करती है।
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