विनेश फोगाट के मेडल पर फैसला आज : मायूस ओलंपियन ने किया संन्यास का ऐलान, इनको मिल गया स्वर्ण पदक

मायूस ओलंपियन ने किया संन्यास का ऐलान, इनको मिल गया स्वर्ण पदक
UPT | विनेश फोगाट

Aug 08, 2024 10:50

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में सिल्वर मेडल की अपील की है। उन्होंने खेलों के लिए मध्यस्थता न्यायालय (CAS) के माध्यम से अपनी अपील दायर की है...

Aug 08, 2024 10:50

New Delhi News : भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में सिल्वर मेडल की अपील की है। उन्होंने खेलों के लिए मध्यस्थता न्यायालय (CAS) के माध्यम से अपनी अपील दायर की है, जिसमें वह सिल्वर मेडल की मांग कर रही हैं। यह कदम तब उठाया गया जब विनेश को महिला 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में अमेरिकी पहलवान साराह एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ मुकाबले से पहले उनके वजन के मानक से 100 ग्राम अधिक पाए जाने के कारण डिसक्वालीफाई कर दिया गया था।

अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया
पेरिस में मौजूद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से विशेष बातचीत में बताया कि CAS से अपील की गई है। विनेश फोगाट के फाइनल में क्वालीफाई करने तक योग्य रहने के आधार पर सिल्वर पदक की मांग की गई है। CAS आज नियमों के निरीक्षण के बाद इस पर फैसला सुनाएगी। अगर सब ठीक रहा तो सिल्वर पदक दो एथलीट को संयुक्त रूप से मिल सकता है।

विनेश फोगाट ने की कुश्ती से संन्यास की घोषणा
भारतीय कुश्ती की स्टार विनेश फोगाट ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा की है। विनेश ने अपने करियर के अंत की घोषणा करते हुए लिखा, “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना, आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी, माफी।” इस पोस्ट के साथ ही विनेश ने कुश्ती की दुनिया से अलविदा लेने का संकेत दे दिया है।
 
'विनेश आप हारी नहीं हैं...'
विनेश की इस घोषणा के बाद उनके साथी पहलवान बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, “विनेश आप हारी नहीं हैं, आपको हराया गया है। हमारे लिए आप हमेशा विजेता रहेंगी। आप न केवल भारत की बेटी हैं बल्कि भारत का गौरव भी हैं।” पूनिया के इस समर्थन ने विनेश के फैंस को आश्वस्त किया और उनकी कड़ी मेहनत और उपलब्धियों को मान्यता दी।
 
आज आएगा CAS का निर्णय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार CAS ने इस मामले पर निर्णय सुनाने के लिए 8 अगस्त तक का समय मांगा है। इस तारीख के बाद CAS यह तय करेगा कि विनेश को सिल्वर मेडल दिया जा सकता है या नहीं। यदि CAS भारतीय पहलवान के पक्ष में निर्णय सुनाता है, तो उन्हें महिला 50 किलोग्राम भारवर्ग में संयुक्त रूप से सिल्वर मेडलिस्ट घोषित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विनेश ने सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान को 5-0 से हराया था, लेकिन वजन अधिक पाए जाने के कारण उन्हें फाइनल में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली थी।

जानिए क्या है CAS
CAS एक स्वतंत्र और विश्वस्तरीय संस्था है जिसका उद्देश्य खेलों से जुड़े विवादों को न्यायसंगत और प्रभावी ढंग से सुलझाना है। इसका गठन 1984 में किया गया था और इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन शहर में स्थित है। इसके अलावा न्यूयॉर्क और सिडनी में भी इसके कार्यालय हैं। ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करने वाले देशों में विशेष आयोजनों के दौरान अस्थायी रूप से कार्यालय खोले जाते हैं।

जानिए CAS कैसे करता है काम
CAS का मुख्य कार्य खेलों से संबंधित विवादों की मध्यस्थता करना है। यह संस्था विशेष रूप से खेल संघों, एथलीटों, क्लबों और अन्य खेल संगठनों के बीच विवादों का समाधान करती है। विवादों को सुलझाने के लिए आमतौर पर एक पैनल में तीन मध्यस्थ होते हैं। इनमें से प्रत्येक पक्ष एक-एक मध्यस्थ का चयन करता है, और तीसरा मध्यस्थ संस्था द्वारा नियुक्त किया जाता है। कुछ मामलों में केवल एक ही मध्यस्थ विवाद का समाधान करता है। जो विवाद की जटिलता और विशिष्टता पर निर्भर करता है। इसके आलावा मध्यस्थता के दौरान CAS दोनों पक्षों की प्रस्तुतियों, साक्ष्यों और तर्कों पर विचार करता है। इसका उद्देश्य तटस्थ और निष्पक्ष निर्णय प्रदान करना होता है, ताकि सभी पक्षों को न्याय मिल सके। मध्यस्थता प्रक्रिया के अंत में CAS द्वारा एक निर्णय सुनाया जाता है जो विवाद के समाधान के लिए अंतिम होता है। यह निर्णय सभी पक्षों के लिए बाध्यकारी होता है और इसे पुनरावलोकन या अपील की प्रक्रिया के तहत चुनौती नहीं दी जा सकती।

CAS का महत्व
CAS खेलों की दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके निर्णयों से खेलों के नियम और शर्तें सुसंगत और पारदर्शी रहती हैं, और यह एथलीटों और संगठनों के बीच विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में मदद करता है। इसकी मध्यस्थता प्रक्रिया खेलों के निष्पक्षता और समानता को बनाए रखने में योगदान करती है। यह सुनिश्चित करती है कि विवादों के समाधान में उच्चतम मानक बनाए रखें जाएं।

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