कोर्ट ने कहा कि भले ही जीजा और साली के बीच अवैध और अनैतिक संबंध रहे हों, लेकिन यदि महिला बालिग है और उसने अपनी मर्जी से संबंध बनाए हैं तो इसे बलात्कार के दायरे में नहीं रखा जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : बालिग साली के साथ संबंध को बलात्कार नहीं माना जा सकता, आरोपी जीजा को जमानत
Dec 31, 2024 15:02
Dec 31, 2024 15:02
आरोप और मामला
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 366 (अपहरण), 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि आरोपी ने अपनी साली को शादी का झूठा वादा करके बहलाया-फुसलाया और उसे भगाकर ले गया। पीड़िता के परिवार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी।
अदालत में बचाव पक्ष का पक्ष
आरोपी के वकील ने अदालत में यह तर्क दिया कि पीड़िता बालिग है और उसने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि उसने अपनी मर्जी से आरोपी के साथ संबंध बनाए थे। हालांकि बाद में उसने अपने बयान बदल दिए। बचाव पक्ष ने यह भी दावा किया कि पीड़िता और आरोपी के बीच संबंध पारिवारिक विवाद का नतीजा थे और यह मामला झूठे आरोपों पर आधारित है।
अदालत ने कहा...
रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जीजा और साली के बीच संबंध अनैतिक हो सकते हैं, लेकिन यदि महिला वयस्क है तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता। अदालत ने यह भी ध्यान में रखा कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और दोनों के बीच संबंध सहमति से बने थे। अदालत ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि दोनों के बीच संबंध बने थे और इसके पीछे कोई हिंसा या जबरदस्ती का प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने कहा कि केवल नैतिकता के आधार पर किसी पर आपराधिक आरोप नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट ने आरोपी को जमानत प्रदान करते हुए कहा कि मामले में कानूनी और नैतिक पक्षों को अलग-अलग करके देखा जाना चाहिए। आरोपी को जमानत मिलने के बाद अब वह न्यायिक प्रक्रिया का सामना बाहर से करेगा।
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