अप्रैल 2023 : अतीक अहमद के परिवार को कई गंभीर झटके लगे, असद को मार गिराने वाले एसटीएफ प्रभारी को मिला वीरता पुरस्कार

अतीक अहमद के परिवार को कई गंभीर झटके लगे, असद को मार गिराने वाले एसटीएफ प्रभारी को मिला वीरता पुरस्कार
UPT | मुठभेड़ में ढेर असद व एसटीएफ प्रभारी नवेंदु सिंह।

Aug 17, 2024 20:59

प्रयागराज में अप्रैल 2023 का महीना अतीक अहमद के परिवार के लिए एक काले अध्याय के तौर पर जाना जाएगा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अतीक का पूरा कुनबा ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और खत्म हो गया।

Aug 17, 2024 20:59

Short Highlights
  • नवेंदु सिंह को स्वतंत्रता दिवस पर वीरता पुरस्कार मिलने पर प्रयागराज के लोगों में खुशी 
  • 2017 से 2024 तक अतीक की  2 हज़ार करोड़ की प्रॉपर्टी पर कार्रवाई हुई 
Prayagraj News : अप्रैल 2023 का महीना अतीक अहमद और उनके परिवार के लिए एक ऐसा काला अध्याय बन गया, जिसे इतिहास कभी नहीं भूल पाएगा। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के परिवार को एक के बाद एक, कई गंभीर झटके लगे। इस दौरान, न केवल अतीक की पत्नी शाईस्ता परवीन ने अपने बेटे असद को खोया, बल्कि कुछ ही दिनों बाद उनका सुहाग भी उजड़ गया। 15 अप्रैल को, अतीक अहमद के सबसे प्यारे बेटे असद और उनके साथी शूटर गुलाम को एसटीएफ के प्रभारी नवेंदु सिंह ने एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस हादसे से उबरने से पहले ही, शाईस्ता को एक और बड़ा झटका मिला जब अतीक और उनके भाई अशरफ को पुलिस कस्टडी में तीन शूटरों ने गोलियों से छलनी कर दिया।

उमेश पाल हत्याकांड: अतीक गैंग की हनक
सरेआम उमेश पाल की हत्या करके अतीक अहमद के गैंग ने पूरे देश में अपनी हनक बना ली थी। हालांकि, एसटीएफ के प्रभारी नवेंदु सिंह ने इस गिरोह को मिटाने की ठान ली थी। उन्होंने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए सबसे पहले झांसी में अतीक के बेटे असद को मार गिराया। जब लोग यह मान रहे थे कि पुलिस या एसटीएफ अतीक के बेटे को हाथ नहीं लगाएगी, तब नवेंदु सिंह ने साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इसी बहादुरी के लिए नवेंदु सिंह को गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

अतीक अहमद की संपत्ति: अपराध से अर्जित धन का हश्र 
माफिया अतीक अहमद ने अपने परिवार के लिए इतनी दौलत जमा की थी कि उनकी सात पीढ़ियों को भी पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं थी। लेकिन अपराध से कमाया धन अक्सर अनर्थ ही लाता है। 14 अप्रैल को, अतीक के बेटे असद की कब्र कसारी मसारी कब्रिस्तान में खोदी गई, और अगले ही दिन अतीक और उनके भाई अशरफ की कब्रें भी वहीं खोदी गईं। भले ही अतीक ने अपार दौलत कमाई हो, लेकिन अंत में उनके लिए केवल दो गज जमीन ही बाकी रही, जिस पर आज कोई फूल चढ़ाने से भी डरता है।

एसटीएफ प्रभारी नवेंदु सिंह : माफिया राज का अंत
प्रयागराज में एसटीएफ प्रभारी नवेंदु सिंह ने अपने कार्यकाल में न केवल असद और गुलाम को मार गिराया, बल्कि अतीक अहमद के कुख्यात गिरोह की भी कमर तोड़ दी। उन्होंने अतीक के गुर्गों को चुन-चुनकर पकड़ा और सलाखों के पीछे भेजा। इसके अलावा, नवेंदु सिंह ने अतीक की अवैध संपत्तियों को खोजकर उन्हें जब्त करवाया। 2017 से 2024 तक, अतीक की करीब 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति पर कार्रवाई की गई, जिसका अधिकांश श्रेय नवेंदु सिंह को जाता है।

मुख्तार अंसारी के नेटवर्क को भी तोड़ा और कई शूटरों को ढेर किया
आज, अतीक के बेटे अगर कभी वापसी भी करते हैं, तो उनके पास न तो सिर छुपाने की जगह होगी और न ही उनके पिता की अर्जित दौलत। नवेंदु सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल अतीक के गुर्गों को दबोचा, बल्कि चित्रकूट के कई डकैतों को भी मुठभेड़ में मार गिराया। इसके अलावा, उन्होंने मुख्तार अंसारी के नेटवर्क को भी तोड़ा और कई शूटरों को ढेर किया। स्वतंत्रता दिवस पर नवेंदु सिंह को वीरता पुरस्कार मिलने से प्रयागराज के लोग गर्वित महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि एसटीएफ में नवेंदु सिंह ने जो इतिहास रचा है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। 

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