महाकुम्भ प्रयागराज में इस बार पूर्वोत्तर के राज्यों की कई परंपराएं पहली बार देखने को मिलीं। मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुम्भ मेला परिसर में पूर्वोत्तर का प्रसिद्ध पर्व भोगाली बिहू बड़े धूमधाम से मनाया गया।
महाकुम्भ में दिखा असमिया संस्कृति का रंग : पहली बार भोगाली बिहू का आयोजन, महिलाओं ने प्रस्तुत किया नृत्य
Jan 14, 2025 17:36
Jan 14, 2025 17:36
- पूर्वोत्तर के राज्यों की कई परंपराएं पहली बार देखने को मिलीं
- मेला परिसर में भोगाली बिहू बड़े धूमधाम से मनाया गया
- मेला क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार
मेला क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार
महाकुम्भ मेला परिसर में पूर्वोत्तर की असमिया संस्कृति का रंग बिखरते हुए महिला श्रद्धालुओं ने बिहू नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे मेला क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसके अलावा, एक दिन पहले रात में धान के पुआल से बनाए गए भेलाघर और बांस से बनाए गए मेजी को मंगलवार सुबह जलाया गया, जो इस पर्व की प्रमुख परंपराओं का हिस्सा थे। इस आयोजन में पूर्वोत्तर के संत, साधक और श्रद्धालु उपस्थित थे, जिन्होंने इस अनूठे सांस्कृतिक अनुभव को साझा किया।
पहली बार मकर संक्रांति पर आयोजन
योगाश्रम बिहलांगिनी असम के महामंडलेश्वर स्वामी केशव दास जी महाराज ने बताया कि महाकुम्भ में पहली बार मकर संक्रांति पर भोगाली बिहू पर्व मनाया गया है। इस आयोजन का उद्देश्य असमिया संस्कृति और पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक धारा को प्रदर्शित करना था। स्वामी केशव दास जी ने कहा कि यह आयोजन महाकुम्भ के सामाजिक और सांस्कृतिक दायरे का विस्तार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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