इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने तलाक और गुजारा भत्ता देने के मामले में एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार मामला 9 अदालत की ओर से पत्नी को प्रतिमाह 25 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने के आदेश को रद्द कर दिया है।
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला : तलाक के वक्त सारे अधिकार छोड़ चुकी पत्नी को गुजारे भत्ते की मांग का हक नहीं
Apr 06, 2024 20:51
Apr 06, 2024 20:51
गौतमबुद्धनगर अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार मामला 9 अदालत की ओर से पत्नी को प्रतिमाह 25 हजार रुपयेगु जारा भत्ता देने के आदेश को रद्द कर दिया है
आपसी सहमति से तलाक के समय पत्नी ने गुजारा भत्ता सहित सभी अधिकार छोड़ दिए हैं। तो बाद में उसे पूर्व पति से गुजारा भत्ते की मांग करने का हक नहीं है।
कोर्ट ने पति की याचिका मंजूर करते हुए पत्नी की गुजारा भत्ता बढ़ाने की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा पत्नी ने पति के खिलाफ भविष्य के सारे अधिकार छोड़ कर तलाक ले लिया है। इसलिए उसे अंतरिम गुजारा भत्ता पाने का हक नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित ने गौरव मेहता तथा अनामिका चोपड़ा की पुनरीक्षण याचिकाओं पर दिया है।
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