उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 दो दिन कराए जाने के विरोध में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने मोर्चा खोल दिया है। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के अभ्यर्थियों की तरफ से सोमवार...
Prayagraj News : PCS प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के खिलाफ आवाज उठाई, जानें क्या कहते हैं अभ्यर्थी
Oct 15, 2024 10:19
Oct 15, 2024 10:19
- आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ा रहता है तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन होगा।
- अलग-अलग दिनों में परीक्षा देने से एक समान मूल्यांकन पर सवाल उठेंगे।
पौने छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए
पीसीएस-2024 के तहत 220 पदों के लिए 5,76,154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। दो दिन परीक्षा कराए जाने पर इनमें से आधे अभ्यर्थी पहले दिन की दो पालियों और बाकी के आधे अभ्यर्थी दूसरे दिन की दो पालियों में परीक्षा देंगे। ऐसा पहली बार होगा, जब पीसीएस के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अलग-अलग दिनों में परीक्षा देनी होगी। ऐसे में एक समान मूल्यांकन पर सवाल उठने लाजिमी हैं।
यूपीपीएससी वन शिफ्ट वनडे नाम से अभियान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिनभर ऐसी ही प्रतिक्रियाएं आती रहीं। सोमवार सुबह दस बजे से यूपीपीएससी वन शिफ्ट वनडे नाम से शुरू हुआ। यह अभियान दोपहर 12.30 बजे तक देश में नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा। दिन में सवा तीन बजे के आसपास 87,600 पोस्ट के साथ यह अभियान नंबर चार पर ट्रेंड कर रहा था। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि देर शाम तक तकरीबन एक लाख अभ्यर्थी इस अभियान का हिस्सा बने। इससे स्पष्ट है कि अभ्यर्थी एक दिन में दो सत्रों में परीक्षा कराने पक्ष में हैं। यदि आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ा रहता है तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन होगा।
सात और आठ दिसंबर को होनी है परीक्षा
तकरीबन 50 जिलाधिकारियों से 17 अक्टूबर तक परीक्षा केंद्रों की लिस्ट मांगी गई है। परीक्षा सात एवं आठ दिसंबर को सुबह 9.30 से 11.30 और अपराह्न 2.30 से 4.30 बजे तक कराए जाने की तैयारी है। इससे पूर्व आयोग एक ही दिन में दो सत्रों में परीक्षा करा लेता था। शासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी होने के बाद केंद्र निर्धारण के नियम काफी सख्त कर दिए गए हैं।
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प्रतियोगी छात्र दीपक सिंह ने बताया कि यह फैसला सही समय पर लिया गया है और मुख्यमंत्री ने छात्रों के हित में एक बार फिर अपने संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचय दिया है। उनका कहना था कि इस निर्णय से छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा और वे परीक्षा की तैयारी में निश्चिंतता महसूस करेंगे। और पढ़ें