उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित महाकुंभ मेला क्षेत्र में दलित और कमजोर वर्ग के संतों को सम्मान दिलाने के लिए वाल्मीकि साधु अखाड़ा एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रहा है। हाल ही में दिल्ली के पंचकुइयां स्थित...
महाकुंभ 2025 : मेले में दलित संतों को मिलेगा सम्मान, वाल्मीकि साधु अखाड़ा करेगा व्यापक पहल
Nov 22, 2024 13:19
Nov 22, 2024 13:19
वाल्मीकि साधु अखाड़ा करेगा पहल
महर्षि वाल्मीकि संत समाज परिषद के साथ इस बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि महाकुंभ में दलित संतों को सम्मान दिलाने के लिए शाही स्नान का अधिकार दिया जाए। इसके साथ ही वाल्मीकि साधु अखाड़े को भूमि-सुविधाओं में भी वृद्धि करने की बात कही गई, ताकि इन संतों की स्थिति में सुधार हो सके। इस बैठक में प्रमुख रूप से महाकुंभ में दलित चेतना के संतों के अधिकारों की बात उठाई गई और वाल्मीकि साधु अखाड़े के संतों को राजसी स्नान का अधिकार दिलाने पर जोर दिया गया।
दलित संतों की उपेक्षा को बंद करने की आवश्यकता
वाल्मीकि साधु अखाड़े के प्रमुख संत भवानी नाथ ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दलित संतों की उपेक्षा किसी भी दशा में बंद की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में अनुसूचित जाति के संतों को एकजुट करने के लिए वर्ष 2019 के कुंभ में दलित अखाड़े का गठन किया गया था। जिसे अब वाल्मीकि साधु अखाड़ा नाम दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ में दलित संतों को उनका सम्मान और उचित स्थान दिलाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संगम आरती और भ्रमण
महाकुंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी श्रृंग्वेरपुर में भगवान राम और निषादराज की गले मिलते हुए प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद वे काशी से मंगाए गए आधुनिक सुविधाओं से लैस निषादराज क्रूज से संगम आरती और भ्रमण करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वच्छता अभियान
महाकुंभ के दौरान स्वच्छता को लेकर भी बड़ा कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 नवंबर को संगम तट पर 10 हजार सफाई कर्मियों के साथ स्वच्छता अभियान की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर स्वच्छता ग्रहियों को सम्मानित भी किया जाएगा। जिससे महाकुंभ क्षेत्र में स्वच्छता और साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ सके।
निरंजनी अखाड़े में माफिया-अपराधियों का प्रवेश वर्जित
महाकुंभ के दौरान निरंजनी अखाड़े ने एक अहम निर्णय लिया है कि अब माफिया और अपराधी प्रवृत्तियों वाले लोगों को उनके क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बार महाकुंभ में इस अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने स्पष्ट किया कि महामंडलेश्वर के पद पर माफिया और अपराधी व्यक्तियों को कोई स्थान नहीं मिलेगा। इसके अलावा अब किसी भी आवेदक का पट्टाभिषेक केवल उनकी योग्यता की जांच-पड़ताल के बाद ही किया जाएगा। इस कदम से अखाड़े की प्रतिष्ठा को बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
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