महाकुंभ 2025 की तैयारियों में विवाद : आवाहन अखाड़े के नागा साधु जमीन न मिलने से नाराज, चेतावनी

आवाहन अखाड़े के नागा साधु जमीन न मिलने से नाराज, चेतावनी
UPT | धरने पर बैठे आवाहन अखाड़े के संत

Dec 21, 2024 15:50

महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन इस आयोजन से जुड़ी एक बड़ी समस्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

Dec 21, 2024 15:50

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन इस आयोजन से जुड़ी एक बड़ी समस्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। आवाहन अखाड़े के नागा साधु मेला प्रशासन से जमीन की मांग को लेकर नाराज हैं और उन्होंने आयोजन के बहिष्कार की धमकी दी है। साधु-संतों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे महाकुंभ में भाग नहीं लेंगे और अपने-अपने स्थानों पर लौट जाएंगे।

क्या है विवाद?
आवाहन अखाड़े के साधु-संत मेला प्रशासन से आवाहन नगर बनाने के लिए भूमि की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह भूमि उनके धार्मिक अनुष्ठानों और अखाड़े की गतिविधियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। स्वामी गीतानंद गिरि, आवाहन अखाड़े के सचिव, ने जानकारी दी कि प्रशासन से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमारा छावनी प्रवेश कल है, और लगभग 20,000 नागा सन्यासी यहां पहुंचने वाले हैं। हमें भूमि नहीं दी गई तो हम उन्हें कहाँ ठहराएंगे?" स्वामी ने मेला प्रशासन से यह भी अनुरोध किया कि उनकी समस्याओं का समाधान आज शाम तक किया जाए।

संतों की नाराजगी और चेतावनी
आवाहन अखाड़े के प्रमुख संत प्रकाशानंद महाराज ने कहा कि यदि शाम तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ का आयोजन नागा साधुओं के बिना अधूरा है, और प्रशासन की अनदेखी इस आयोजन के लिए एक बड़ी चूक हो सकती है। संतों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे कुंभ मेला छोड़ देंगे और इसकी जिम्मेदारी मेला प्रशासन की होगी।



महाकुंभ में साधु-संतों का महत्व
महाकुंभ का आयोजन साधु-संतों के बिना अधूरा माना जाता है। नागा साधु, जिन्हें कुंभ की आत्मा माना जाता है, इस आयोजन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। उनके बिना महाकुंभ का आयोजन अधूरा रहता है, और प्रशासन को उनकी नाराजगी का समाधान जल्द से जल्द करना होगा।

मेला प्रशासन का बयान
मेला प्रशासन का कहना है कि सभी अखाड़ों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि साधु-संतों से लगातार वार्ता की जा रही है और उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाएगा।

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