यूपी के इस शहर में दबा है मुगलकालीन खजाना : खुदाई में निकलते हैं सोने-चांदी के सिक्के, बीरबल का रहा है ननिहाल

खुदाई में निकलते हैं सोने-चांदी के सिक्के, बीरबल का रहा है ननिहाल
UPT | खुदाई में निकलते हैं सोने-चांदी के सिक्के।

Sep 03, 2024 01:23

फतेहपुर के एकडला गांव में मुगल शासक अकबर के मुख्य सलाहकार बीरबल की ननिहाल थी। यहां आज भी खुदाई में कई तरह के जेवरात निकलते हैं। यह गांव कई रहस्यों को समेटे हुए है।

Sep 03, 2024 01:23

Short Highlights
  • बीरबल का ननिहाल होने के साथ-साथ यह गांव कई रहस्यों को समेटे हुए है
  • यहां आज भी मिलते हैं मुगलकालीन सिक्के और धातु
Fatehpur News : फतेहपुर के एकडला गांव में मुगल शासक अकबर के मुख्य सलाहकार बीरबल की ननिहाल थी। यहां आज भी खुदाई में कई तरह के जेवरात निकलते हैं। एक दौर में यहां प्राचीन बाजार लगता था। इनके अवशेष आज भी मौजूद हैं।

बीरबल का ननिहाल है एकडला गांव
विजयीपुर ब्लाक मुख्यालय से लगभग 8 किमी दूर स्थित एकडला गांव, जिसे पहले कंचनपुर एकडला के नाम से जाना जाता था, अकबर के मुख्य सलाहकार बीरबल का ननिहाल होने के साथ-साथ यह गांव कई रहस्यों को समेटे हुए हैं। यहां आज भी खुदाई में सोने-चांदी के जेवरात निकलते हैं। यह गांव मजारों और ऐतिहासिक मंदिरों का घर है। नदी के तट पर स्थित इस गांव का नाम एकडला बरगद की एक डाल के इस्तेमाल से पड़ा, जो एक समय में नदी पार करने का एकमात्र साधन था। यह गांव एक समय में व्यापारिक केंद्र भी था।

आज भी मिलते हैं मुगलकालीन सिक्के और धातुएं
बीरबल के अनुरोध पर अकबर एकडला गांव आए थे, जहां लोगों ने उनके स्वागत में यमुना से गांव तक कालीन बिछा दिया था। इससे खुश होकर अकबर ने गांव के एक क्षत्रिय परिवार को रावत की उपाधि दी। लेकिन 17वीं शताब्दी में बंजारों का परिवार गांव छोड़ जाने के बाद गांव का बाजार और यमुना किनारे की बस्ती नष्ट हो गई। आज भी यहां दीवारों और खेतों की जुताई के दौरान सोने-चांदी के सिक्के समेत कई प्रकार की मुगलकालीन धातुएं मिलती हैं, जो उस समय की समृद्धि की कहानी बयां करती हैं।

16वीं शताब्दी में यहां सजता था बाजार
16वीं शताब्दी में एकडला गांव में सात प्रकार का बाजार लगता था, जहां मेवा, मिष्ठान, पशु आदि बिकते थे। यह गांव मुगल शासक अकबर के मुख्य सलाहकार बीरबल का ननिहाल था और आज भी यहां पुराने मंदिर, कुएं, तालाब, मजार, दीवारें मुगलकाल की याद दिलाते हैं। गांव के बुजुर्गों के अनुसार, 12 साल पहले यमुना किनारे तालाब की खुदाई में पुरानी ईंट की चौड़ी दीवारें मिली थीं। वहीं, 5 साल पहले गांव निवासी भास्कर के खेत में ट्रैक्टर से जुताई के दौरान मिट्टी के एक घड़े में रखे सोने-चांदी के सिक्के बिखर गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने पुरातत्व विभाग को सौंप दिया था।

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