इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा कि न्यायाधीशों के प्रति वकीलों के अशिष्ट व्यवहार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि वकीलों से अपेक्षा की जाती है कि वे न्यायाधीशों के खिलाफ असंयमित...
Prayagraj News : न्यायाधीशों से वकीलों का अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं, हाईकोर्ट ने कहा- भाषा पर काबू रखें
Sep 26, 2024 11:19
Sep 26, 2024 11:19
- अदालती कार्यवाही के दौरान फाइल छीन ली थी, ट्रायल जज के खिलाफ टिप्पणी की थी।
- त्रिवेदी पर जज के खिलाफ अनचाही टिप्पणी का आरोप, बाद में माफी मांगी।
असंयमित भाषा का प्रयोग न करें वकील
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि अधिवक्ताओं द्वारा पीठासीन न्यायाधीश के प्रति अभद्र व्यवहार की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। न्यायाधीश केवल सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही काम कर सकते हैं। न्यायालय के अधिकारी होने के नाते न्यायाधीश के प्रति अभद्र व्यवहार न करें या पीठासीन अधिकारी के विरुद्ध असंयमित भाषा का प्रयोग न करें। कोर्ट ने यह टिप्पणी सिविल जज कानपुर नगर द्वारा अधिवक्ता योगेन्द्र त्रिवेदी के खिलाफ भेजे गए संदर्भ पर सुनवाई करते हुए की।
माफी से संतुष्ट नहीं हाईकोर्ट
अधिवक्ता योगेन्द्र त्रिवेदी ने पिछले साल एक अदालती कार्यवाही के दौरान कथित तौर पर कोर्ट स्टाफ से फाइल छीन ली थी और ट्रायल जज के खिलाफ टिप्पणी की थी। त्रिवेदी पर जज के खिलाफ अनचाही टिप्पणी करने का भी आरोप है। बाद में उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी। हाईकोर्ट ने सिविल जज के संदर्भ के आधार पर शुरू की गई अदालती अवमानना की कार्रवाई में उन्हें नोटिस जारी किया। हालांकि न तो हाईकोर्ट और न ही सिविल जज माफी से संतुष्ट थे। इसके बाद मामले को स्थगित कर दिया गया, ताकि वकील बेहतर हलफनामा दाखिल कर सकें।
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