महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों और आयोजन की सुरक्षा, चिकित्सा सेवाओं और विमान सेवाओं की निगरानी का जिम्मा संभाला है। मेला प्रशासन और राज्य सरकार को...
छावनी में तब्दील हुआ महाकुंभ : भारतीय सेना और वायुसेना की तैनाती, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम
Jan 10, 2025 17:15
Jan 10, 2025 17:15
वायुसेना की अहम भूमिका
महाकुंभ में वायुसेना की भूमिका बेहद खास है। प्रयागराज स्थित सेंट्रल एयर कमांड हेडक्वार्टर ने आयोजन के दौरान एयर ट्रैफिक के सुरक्षित संचालन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। प्रयागराज का एयरपोर्ट, जो वायुसेना के एयरबेस के रूप में काम करता है, 24x7 एयर ट्रैफिक कंट्रोल सेवा उपलब्ध कराएगा। 20 दिसंबर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक प्रयागराज आने वाले सभी यात्री विमानों, चाहे वे शेड्यूल्ड फ्लाइट हों, नॉन-शेड्यूल्ड फ्लाइट हों या चार्टर्ड फ्लाइट्स की सुरक्षित लैंडिंग और संचालन की जिम्मेदारी वायुसेना की होगी। बमरौली एयरफोर्स स्टेशन को इस दौरान नोडल सेंटर के रूप में काम करने के लिए तैयार किया गया है। सर्दियों में खराब विजिबिलिटी की समस्या को ध्यान में रखते हुए एयरफोर्स ने इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (कैट-II ILS) को तैयार रखा है। इससे खराब मौसम में भी विमानों का सुचारु संचालन हो सकेगा। वायुसेना किसी भी आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए अलर्ट पर है।
थलसेना ने संभाला चिकित्सा इंतजाम
महाकुंभ में तीर्थयात्रियों की चिकित्सा सहायता के लिए भारतीय थलसेना ने विशेष इंतजाम किए हैं। प्रयागराज स्थित मिलिट्री अस्पताल में तीर्थयात्रियों के लिए 50 बिस्तरों की सुविधा शुरू की गई है। इसके अलावा पुरानी छावनी में एक अतिरिक्त 45 बिस्तरों वाला चिकित्सा केंद्र तैयार किया गया है। जहां आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। थलसेना के विशेषज्ञ डॉक्टर स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर तीर्थयात्रियों को 24x7 चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहे हैं। ओडी फोर्ट में 24x7 मोबाइल इवेक्यूशन टीम तैनात की गई है। जिसमें पांच बिस्तरों की सुविधा है। जिनमें से दो वेंटिलेटर बिस्तर भी शामिल हैं। मेला स्थल पर ऑन-साइट चिकित्सा सहायता के लिए विशेष मेडिकल पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं। इन पोस्टों के माध्यम से तीर्थयात्रियों को तुरंत चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
सेना की व्यापक भागीदारी
महाकुंभ के आयोजन में सेना की व्यापक भागीदारी यह दर्शाती है कि इस मेले के महत्व को देखते हुए प्रशासन कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। मेला प्रशासन की बैठकों में सेना के अधिकारियों की नियमित उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि सभी इंतजाम सुचारु रूप से संचालित हों। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय बनाते हुए सेना ने महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, चिकित्सा और ट्रांसपोर्टेशन की सभी जरूरतों को प्राथमिकता दी है।
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