ऑथर Asmita Patel

महाकुम्भ 2025 : अविस्मरणीय तैयारी पर साधु-संतों की प्रशंसा, पीएम मोदी और सीएम योगी को दिया साधुवाद

अविस्मरणीय तैयारी पर साधु-संतों की प्रशंसा, पीएम मोदी और सीएम योगी को दिया साधुवाद
UPT | महाकुम्भ 2025

Jan 14, 2025 17:05

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा की सरकार ने महाकुम्भ की व्यवस्था बहुत अच्छी की है। इस व्यवस्था से मैं बहुत प्रसन्न हूं...

Jan 14, 2025 17:05

Prayagraj News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुम्भ-2025 की अविस्मरणीय तैयारी से साधु-संत आह्लादित दिखे। सभी संतजनों ने मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व पर अमृत स्नान किया और अभूतपूर्व व्यवस्था के लिए सरकार का साधुवाद किया। सभी संतजनों ने 144 वर्ष पश्चात पड़े इस सुखद संयोग में स्नान कर स्वच्छ, सुरक्षित, दिव्य-भव्य महाकुम्भ के आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने, अद्भुत व्यवस्था पर साधु-संतों ने सरकार के प्रति आभार भी जताया। 

सरकार की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न हूं- रामभद्राचार्य
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा की सरकार ने महाकुम्भ की व्यवस्था बहुत अच्छी की है। इस व्यवस्था से मैं बहुत प्रसन्न हूं। सरकार ने इतनी बड़ी भीड़ को भी नियंत्रित किया है, इसलिए सरकार साधुवाद की पात्र है। 

जो कहते हैं कि हम बटे पड़े हैं, वे आकर देखें- सारे घाट पटे पड़े हैं- स्वामी चिदानंद
यह पूरे सनातन का स्नान है। यह अमृत व सनातन के अमर होने का पर्व है। इस कुम्भ ने बताया कि सारे घाट पटे पड़े हैं, लोग कहते हैं हम बटे पड़े हैं। आखिर हम कहां बटे पड़े हैं। करोड़ों कल,करोड़ों आज आए और करोड़ों आ रहे हैं। हर घाट पटा है। मैं सभी को आमंत्रित करता हूं कि आओ महाकुम्भ चलें। संगम के तट से संदेश है कि सनातन का संगम सदैव गंगा के पावन प्रवाह की तरह प्रवाहित रहे। सूर्य ने उत्तरायण की दिशा बदली है। यह हमारे जीवन की दिशा बदलने का समय है। जब दिशा-गति बदलती है तो मति भी बदलती है। देश को गति भी बदलनी है और मति भी बदलनी है। जैसे गति-मति बदलेंगे, सारा माहौल व मुल्क बदल जाएगा। भारत के पास यंग दिल इंडिया है,इसलिए सभी को मिलकर महान इंडिया बनाना है। मोदी-योगी की यह जोड़ी इस देश में नया योग खड़ा करने आई है। योगी जी ने दिखा दिया, वातावरण मस्त-मस्त और सुरक्षा जबर्दस्त है। 

सौभाग्यशाली हैं कि इस महाकुम्भ में स्नान करने आए हैं- साध्वी निरंजन ज्योति
1982 से कुम्भ में आ रही हूं। कई महाकुम्भ व अर्धमहाकुम्भ किए हैं, लेकिन प्रयागराज महाकुम्भ की अनुभूति अलग ही है। मां गंगा की गोद यह पूरा नया शहर-क्षेत्र बसाया जाता है। 144 वर्ष बाद महाकुम्भ का सुयोग बना है। हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि इस महाकुम्भ में स्नान करके आए हैं। आज युवा इस दृश्य को देखकर आह्लादित दिख रहा है। अमृत स्नान के लिए जब अखाड़े निकले हैं, उस समय झोली फैलाकर फूल तक मांग रहे हैं। यह आस्था है। यह अद्भुत कुम्भ है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। 500 साल की प्रतीक्षा के बाद रामलला मंदिर में विराजित हुए और उनकी वर्षगांठ हो रही है, इससे महाकुम्भ की महिमा और बढ़ जाती है।

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