महाकुंभ के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। पहले दिन साधु-संतों के अखाड़ों को जमीन आवंटित की गई। इसके बाद संस्थाओं की जमीनों का आवंटन किया जाएगा।
महाकुंभ 2025 : मेला प्राधिकरण ने सहमति से बांटी अखाड़ों की जमीन, संतो ने संतुष्ट होकर किया स्वीकार
Nov 18, 2024 17:47
Nov 18, 2024 17:47
- बैठक के बाद संत महात्मा मेला क्षेत्र गए और अपनी-अपनी जमीन का आवंटन स्वीकार किया
- अखाड़ों के बाद अन्य संप्रदायों के संतों, तीर्थ पुरोहितों को जमीन आवंटित की जाएगी
- मेला प्रशासन ने इस बार 2019 के कुंभ की तुलना में 10% अधिक जमीन देने का आश्वासन दिया
आवंटन की प्रक्रिया 19 नवंबर तक
यह जमीन आवंटन की प्रक्रिया 19 नवंबर तक जारी रहेगी। अखाड़ों के बाद अन्य संप्रदायों के संतों, तीर्थ पुरोहितों और सामाजिक संस्थाओं को जमीन आवंटित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, मेला प्रशासन ने इस बार 2019 के कुंभ की तुलना में 10% अधिक जमीन देने का आश्वासन दिया है।
बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्मावलंबियों की आस्था का सबसे बड़ा उत्सव है और इसमें किसी प्रकार की नाराजगी का कोई प्रश्न नहीं है।
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बैठक में शामिल हुए 10 अखाड़े
सोमवार की बैठक का विशेष पहलू यह रहा कि इसमें 13 में से 10 अखाड़े सम्मिलित हुए। पहले अखाड़ा परिषद दो गुटों में विभाजित था-एक गुट में सात और दूसरे में छह अखाड़े थे। आज की बैठक में 10 अखाड़ों की भागीदारी से उम्मीद जताई जा रही है कि परिषद शीघ्र ही एकजुट हो जाएगी और सभी 13 अखाड़ों के संत एक ही मंच पर दिखेंगे।
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