महाकुंभ 2025 : संगम तट पर पहुंचा लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर का 150 जोड़ा, श्रद्धालुओं को मिलेगी बर्ड साउंड थेरेपी की सौगात

संगम तट पर पहुंचा लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर का 150 जोड़ा, श्रद्धालुओं को मिलेगी बर्ड साउंड थेरेपी की सौगात
UPT | महाकुंभ 2025

Nov 18, 2024 14:56

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं और इन तैयारियों के बीच संगम तट पर प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों के उत्साह को और बढ़ा दिया...

Nov 18, 2024 14:56

Prayagraj News : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियां तेजी से चल रही हैं और इन तैयारियों के बीच संगम तट पर प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति ने श्रद्धालुओं और पर्यटकों के उत्साह को और बढ़ा दिया है। हाल ही में लुप्तप्राय प्रजाति इंडियन स्कीमर के 150 जोड़े संगम क्षेत्र में पहुंचे हैं। इसके साथ ही 10 से अधिक देशों से आए साइबेरियन पक्षियों ने भी संगम तट पर अपना डेरा जमा लिया है।
 
दुर्लभ प्रजाति का पुनरागमन
इंडियन स्कीमर जिसे भारतीय तटपक्षी के नाम से भी जाना जाता है। देश की एक लुप्तप्राय पक्षी प्रजाति है। इस पक्षी का मुख्य आकर्षण इसकी लंबी और चपटी चोंच है। जो इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। संगम क्षेत्र में इस प्रजाति के 150 जोड़े देखे गए हैं। जो एक सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र इन पक्षियों के लिए प्रजनन और भोजन के लिए अनुकूल है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंडियन स्कीमर का यहां आना पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता को मजबूत करने का प्रमाण है। इस बार इनकी संख्या में वृद्धि संगम क्षेत्र के प्रदूषण नियंत्रण और स्वच्छता की दिशा में किए गए प्रयासों का नतीजा है।

साइबेरियन पक्षियों का संगम तट पर आगमन
महाकुंभ की तैयारियों के बीच 10 से अधिक देशों से आए साइबेरियन पक्षियों की मौजूदगी ने श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों को खासा प्रभावित किया है। ये पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर हर साल संगम तट पर आते हैं। इस बार पक्षियों की संख्या अधिक होने के कारण संगम का क्षेत्र और भी जीवंत हो गया है।

90 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों की बर्ड साउंड थेरेपी
महाकुंभ 2025 के आयोजन में संगम पर पक्षियों की चहचहाहट एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगी। यहां 90 से ज्यादा पक्षी प्रजातियों की आवाज़ें "बर्ड साउंड थेरेपी" के रूप में मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव का माध्यम बनेंगी। वन विभाग ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इन पक्षियों की गतिविधियों को करीब से देखने और सुनने के लिए विशेष बर्ड वॉचिंग ज़ोन बनाने की योजना बनाई है। यह न केवल एक अद्वितीय अनुभव होगा, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

बर्ड फेस्टिवल का आयोजन
महाकुंभ के पहले उत्तर प्रदेश वन विभाग एक विशेष बर्ड फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के प्रति जागरूकता फैलाना है। फेस्टिवल में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, उनकी जीवनशैली और उनके महत्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसमें देश-विदेश के पक्षी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पक्षियों के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता से अवगत कराना है।
 
इको टूरिज्म और आस्था का संगम
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालु जहां संगम की पवित्रता में स्नान का अनुभव करेंगे। वहीं पक्षियों की मौजूदगी इसे और भी खास बनाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएं न केवल आस्था को बढ़ावा देंगी बल्कि राज्य में इको टूरिज्म की संभावनाओं को भी नई दिशा देंगी।

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