यूपी के चीफ सेक्रेटरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 13 जनवरी 2025 से आयोजित होने वाला महाकुंभ दिव्यता और भव्यता के साथ ही सुरक्षित,ग्रीन, प्लास्टिक फ्री और डिजिटल होगा।
महाकुंभ : दिव्यता और भव्यता के साथ सुरक्षित, प्लास्टिक मुक्त होगा, डिजिटल और फिजिकल सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Nov 12, 2024 19:55
Nov 12, 2024 19:55
डिजिटल से लेकर फिजिकल सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम
चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि महाकुंभ में हर तरह की व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की जा रही है। उन्होंने कहा है की सुरक्षा एक बड़ी जिम्मेदारी है इसलिए डिजिटल से लेकर फिजिकल सिक्योरिटी तक के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। महाकुंभ की सुरक्षा में पर्याप्त पुलिस फोर्स की तैनाती की जाएगी। इस बार 4000 हेक्टेयर में 25 सेक्टरों में मेला बसाया जा रहा है। जो कि पिछली बार की तुलना में 25 से 30 फीसदी अधिक है। महाकुंभ की सुरक्षा में करीब 40 हजार पुलिस फोर्स, पीएससी और आर ए एफ तैनात की जा रही है।
पॉलिथीन के बजाय दोना पत्तल और मिट्टी के बने बर्तनों का हो इस्तेमाल
चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने महाकुंभ के कार्यों को पूरा करने की नई डेड लाइन देते हुए 15 दिसंबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ परियोजनाएं किसी कारण से 15 दिसंबर तक पूरी नहीं होती है तो हर हाल में 30 दिसंबर तक उसे पूरा किया जाए। उन्होंने कहा है कि पूरे मेला क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री रखा जाएगा। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि जहां पर अखाड़े हैं या फूड वेंडिंग जोन है। वहां पर पॉलिथीन के बजाय दोना पत्तल और मिट्टी के बने बर्तनों का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में यह एक नई शुरुआत और नई पहल की जा रही है।
विदेशों में प्रधानमंत्री दे रहें महा कुंभ का न्योता
महाकुंभ में विदेशियों को आमंत्रित करने के सवाल पर चीफ सेक्रेटरी ने कहा है कि हाल में ही सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकात पीएम मोदी से हुई है। इसके बाद उनकी मुलाकात विदेश मंत्री और एंबेसी के लोगों से होगी। कई देशों में लोगों को लिखकर निमंत्रण भेजा जा रहा है। उनके मुताबिक इस संबंध में मुख्यमंत्री की विदेश मंत्री के साथ औपचारिक मीटिंग तय की जा रही है। जिसके बाद आगे कैसे इसे बढ़ाना है यह किया जाएगा।
साधु-संतु और श्रद्धालुओं को अविरल और निर्मल जल मिलेगा
हाल में एनजीटी द्वारा गंगाजल की निर्मलता को लेकर उठाए गए सवाल पर चीफ सेक्रेटरी ने कहा है कि महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले साधु संतु और श्रद्धालुओं को अविरल और निर्मल जल मिलेगा। मौजूदा समय में 18 हजार क्यूसेक गंगा में जल है। सितंबर माह में हुई बारिश के चलते पानी ज्यादा है। जिसकी वजह से महाकुंभ के कार्यों में भी कुछ परेशानी आ रही है। इस मौसम में सामान्य तौर पर गंगा नदी में 8 से 9 हजार क्यूसेक पानी रहता है। लेकिन ड्रेजिंग मशीनों के जरिए गंगा की तलहटी में जगह बनाई गई है। अब तक गंगा में जितना जल रहता है, उसे दोगुना अभी जल गंगा में है। चीफ सेक्रेटरी ने भरोसा दिलाया है कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और संतों को पर्याप्त और अविरल व निर्मल गंगाजल मिलेगा। उन्होंने कहा है कि सिंचाई विभाग और जल निगम को यह निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी अनट्रीटेड खुले नाले गंगा में ना गिरे।
इसके लिए जो नाले अन टेप्ड हैं उनको बायोरेमेडीएशन या अन्य तकनीक से ट्रीट करके ही गंगा में प्रवाहित किया जाएगा। इसके लिए टेंडर की कार्यवाही की जा चुकी है। 30 दिसंबर तक सभी कार्यवाही पूरी हो जाएगी। प्रयागराज में 10 एसटीपी बनी हुई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी वर्किंग स्थिति में हो। उन्होंने कहा कि एसटीपी से भी अपेक्षा की जा रही है कि वह मानक के अनुसार ही नालों के पानी को ट्रीट करने के बाद ही गंगा में छोड़े।
महाकुंभ निर्माण कार्य हों सभी की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग कराई जा रही
चीफ सेक्रेटरी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महाकुंभ से जुड़े जो भी कार्य हो वह गुणवत्ता पूर्ण हो। उन्होंने कहा है कि चाहे सड़के हों चाहे अन्य निर्माण कार्य हों सभी की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग भी कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि थर्ड पार्टी की लैबोरेट्रीज भी बनाई गई है। जो सड़कें बन रही है उनके बनने के बाद क्वालिटी भी चेक की जाएगी। सभी निर्माण कार्यों में क्वालिटी और स्टैंडर्ड का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा है कि इसमें शिकायत मिलने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी और निराकरण भी किया जाएगा।
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