महाकुंभ 2025 : चंद्रशेखर आजाद का अस्थि कलश प्रदर्शित करने का प्रस्ताव, इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से भेजा गया पत्र

चंद्रशेखर आजाद का अस्थि कलश प्रदर्शित करने का प्रस्ताव, इलाहाबाद संग्रहालय की ओर से भेजा गया पत्र
UPT | क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद

Jul 23, 2024 15:36

इलाहाबाद संग्रहालय ने लखनऊ संग्रहालय से अस्थि कलश के हस्तांतरण के लिए एक औपचारिक अनुरोध भेजा है। यह कदम आजाद की बलिदान स्थली प्रयागराज में उनकी स्मृति को...

Jul 23, 2024 15:36

Short Highlights
  • चंद्रशेखर आजाद के अस्थि कलश को प्रदर्शित करने का प्रस्ताव आया है
  • श्रद्धालुओं को उनके जीवन और बलिदान से परिचित कराया जाएगा
  • चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज में अपने प्राणों की आहुति दी थी
Prayagraj News : आगामी महाकुंभ 2025 में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के अस्थि कलश को प्रदर्शित करने का एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव सामने आया है। इलाहाबाद संग्रहालय ने लखनऊ संग्रहालय से अस्थि कलश के हस्तांतरण के लिए एक औपचारिक अनुरोध भेजा है। यह कदम आजाद की बलिदान स्थली प्रयागराज में उनकी स्मृति को सम्मानित करने और महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को उनके जीवन और बलिदान से परिचित कराने का प्रयास है।

प्रयागराज में दी थी प्राणों की आहुति
प्रयागराज, जहां आजाद ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, वहां पहले से ही एक शहीद स्थल मौजूद है। इलाहाबाद संग्रहालय में देश की पहली इंटरेक्टिव आजाद गैलरी स्थापित की गई है, जिसमें उनकी प्रसिद्ध कोल्ट पिस्तौल भी प्रदर्शित है। अस्थि कलश के आगमन से आजाद से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण वस्तुएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो जाएंगी, जो पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए अत्यंत आकर्षक होगा।

अल्फ्रेड पार्क में किया था अंग्रेजों का सामना
अल्फ्रेड पार्क, जो अब चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जाना जाता है, आजाद की अंतिम लड़ाई का साक्षी रहा है। यहीं पर उन्होंने अकेले ही अंग्रेज सैनिकों का सामना किया और अंततः अपनी आखिरी गोली से स्वयं को बलिदान कर दिया। इस ऐतिहासिक स्थल पर उनके अस्थि कलश की उपस्थिति, उनके साहस और देशभक्ति के प्रति एक उचित श्रद्धांजलि होगी।

राज्यपाल आनंदीबेन से समर्थन की मांग
इस प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से भी समर्थन मांगा गया है। लखनऊ संग्रहालय की निदेशक सृष्टि धवन ने पुष्टि की है कि इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और शीर्ष स्तर पर चर्चा के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो यह महाकुंभ 2025 को एक विशेष ऐतिहासिक महत्व प्रदान करेगा और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नायक के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्रदान करेगा।

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