ज्योतिर्लिंग का भव्य श्रृंगार 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से किया जाएगा। इसके अलावा यहां 108 हवन कुंड बनाए गए हैं। जहां 125 करोड़ आहुति और 11 करोड़ वैदिक मंत्रों का जाप किया जाएगा।
महाकुंभ 2025 : 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से सजेगा मौनी बाबा का भव्य शिविर, पहली बार कोरस कमांडो होंगे तैनात
Jan 04, 2025 11:37
Jan 04, 2025 11:37
मौनी बाबा का संकल्प
गौरीगंज, अमेठी से आए बाल ब्रह्मचारी स्वामी अभय चैतन्य फलाहारी उर्फ मौनी बाबा ने बताया कि महाकुंभ को भव्य और आस्था से परिपूर्ण बनाने का उनका संकल्प है। इस लक्ष्य के साथ वे 10,000 गांवों की पैदल यात्रा करते हुए प्रयागराज पहुंचे हैं। बाबा ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से एक विशेष यज्ञ की भी तैयारी की है। मौनी बाबा के शिविर में 5.51 करोड़ रुद्राक्ष और 11,000 त्रिशूल से सुसज्जित द्वादश ज्योतिर्लिंग का श्रृंगार होगा। साथ ही सवा करोड़ दीपकों से शिविर को प्रकाशमय किया जाएगा। बाबा 13 जनवरी को प्रथम स्नान के अवसर पर लेटते हुए संगम स्नान करेंगे। जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत दृश्य होगा।
शिविर की भव्यता आकर्षण का केंद्र
शिविर में त्रिशूल की दीवारें और बोरियों में रखे गए रुद्राक्ष की मालाएं श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इस भव्यता को देखने आने वाले लोग शिविर के पास सेल्फी लेने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। मेला क्षेत्र में मौनी बाबा का शिविर आध्यात्मिकता और धार्मिकता का प्रतीक बनकर उभरा है।
महाकुंभ में सुरक्षा के लिए पहली बार तैनात कोरस कमांडो
आतंकी पुन्नू की धमकी के बाद प्रयागराज जंक्शन पर पहली बार कोरस कमांडो तैनात किए गए हैं। शुक्रवार को आरपीएफ के महानिरीक्षक अमिय नंदन सिन्हा ने जंक्शन का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान स्टेशन के सभी प्रवेश द्वारों, प्लेटफॉर्म, फुट ओवर ब्रिज, सिटी साइड और सिविल लाइंस साइड की व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की गई। जंक्शन पर 1100 आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है।
महाकुंभ 2025 का आधिकारिक एक्स अकाउंट सस्पेंड
महाकुंभ 2025 का आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट शुक्रवार को अचानक सस्पेंड कर दिया गया, जिसके बाद महाकुंभ से संबंधित सभी अपडेट गायब हो गए। अकाउंट हैक होने की चर्चा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इससे श्रद्धालुओं और प्रशासन के बीच हलचल मच गई है।
शोध और अध्ययन के नए आयाम
महाकुंभ के दौरान धार्मिक, सामाजिक, और आर्थिक पहलुओं पर अध्ययन के लिए कई शोध प्रकल्पों की शुरुआत की जा रही है। संगम जल, मौसम, और आयोजन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन होगा। मेला प्रशासन और विभिन्न शोध संस्थानों के बीच समझौते किए गए हैं। विशेष रूप से बंगलूरू विश्वविद्यालय द्वारा मेला क्षेत्र से निकलने वाले कचरे और सीवेज के प्रभाव और उसके निस्तारण की प्रक्रिया पर अध्ययन किया जाएगा। इस शोध में कूड़े के दुष्प्रभाव और बचाव के उपायों पर भी ध्यान दिया जाएगा। पर्यावरण विज्ञान विभाग के साथ मेला प्रशासन का यह समझौता पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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