महाकुंभ 2025 : 10 हजार संस्थाएं करेंगी भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं को मिलेगा निःशुल्क भोजन

10 हजार संस्थाएं करेंगी भंडारे का आयोजन, श्रद्धालुओं को मिलेगा निःशुल्क भोजन
UPT | महाकुंभ 2025

Dec 20, 2024 16:34

प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के अनुसार महाकुंभ में इस बार लगभग 8,000 से 10,000 संस्थाएं अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी। इनमें से सैकड़ों संस्थाएं निशुल्क भोजन के लिए लंगर और भंडारों का आयोजन करेंगी।

Dec 20, 2024 16:34

Prayagraj News : प्रयागराज में वर्ष 2025 में होने वाला महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है। इस महापर्व में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर धर्म लाभ प्राप्त करेंगे। मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान के साथ दान, विशेषकर अन्नदान, का अत्यधिक महत्व होता है। यही कारण है कि 13 जनवरी से शुरू हो रहे इस भव्य आयोजन में सैकड़ों संस्थाएं अन्नदान के माध्यम से पुण्य अर्जित करने आ रही हैं।

निशुल्क भोजन की व्यवस्था
इन संस्थाओं द्वारा मेला क्षेत्र में भंडारों और लंगरों का आयोजन किया जाएगा, जहां सभी श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था होगी। इनमें से कई संस्थाओं ने अपने भंडारों का आयोजन पहले ही शुरू कर दिया है, जबकि अन्य जल्द ही आरंभ करने वाली हैं। महाकुंभ में आने वाला कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रहेगा।


सैकड़ों संस्थाओं का सहयोग
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने जानकारी दी कि इस महाकुंभ में 8,000 से 10,000 संस्थाओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ में विभिन्न पंथों के लोग भाग लेते हैं, और मेला प्रशासन इन सभी के स्वागत और व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है। महाकुंभ में सैकड़ों संस्थाएं निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के लिए भंडारे और लंगर चलाती हैं। इनमें प्रमुख संस्थाएं जैसे अक्षय पात्र, इस्कॉन और ओम नमः शिवाय बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को भोजन प्रदान करती हैं। प्रशासन ने सस्ती दरों पर भोजन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए फेयर प्राइस शॉप्स की भी व्यवस्था की है।

लाखों श्रद्धालुओं को मिलता है भोजन
एडीएम मेला विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुम्भ, महाकुंभ और माघ मेला जैसे आयोजनों में स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दौरान सैकड़ों संस्थाएं आगे आकर निशुल्क लंगर और भंडारों का आयोजन करती हैं, जिनसे लाखों श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध होता है। न केवल मेले के भीतर, बल्कि प्रयागराज के विभिन्न चौराहों और गलियों में भी भंडारे आयोजित किए जाते हैं।

भंडारों का शुभारंभ
कुछ संस्थाओं ने पहले ही भंडारे का आयोजन शुरू कर दिया है। अखिल भारतीय पंचतेरह त्यागी खाकचौक द्वारा दिगंबर अखाड़े के पास 1 दिसंबर से भंडारे की शुरुआत हो चुकी है। महंत गोपाल दास जी ने बताया कि यह भंडारा सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलता है, जबकि सुबह 4 बजे से चाय वितरित की जाती है। जूना अखाड़ा का अन्न भंडारा 25 दिसंबर से शुरू होगा। श्री हिंगलाज मठ के महंत मृत्युंजय पुरी जी ने बताया कि यह भंडारा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा।

हरि इच्छा और सेवा का समर्पण
आवाहन अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत सत्यगिरि ने बताया कि उनका भंडारा पूरे महाकुंभ के दौरान निरंतर चलेगा। इसी प्रकार, रघुवंश सेवा संकल्प ट्रस्ट और मां रेवा फाउंडेशन जैसे संस्थान 24 घंटे अन्नदान करेंगे। मां रेवा फाउंडेशन के "अनन्य अन्न क्षेत्र" में 45 दिनों तक सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद प्रदान किया जाएगा।

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