महाकुंभ में 45 किलो रुद्राक्ष के साथ आए बाबा : शिवलिंग आकार में सिर पर सजाई मालाएं, मेले में बने आकर्षण का केंद्र

शिवलिंग आकार में सिर पर सजाई मालाएं, मेले में बने आकर्षण का केंद्र
UPT | प्रयागराज पहुंचे रुद्राक्ष बाबा

Dec 07, 2024 17:05

प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाला महाकुंभ इस बार खास आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस बार महाकुंभ में संत महात्माओं का आगमन हो चुका है...

Dec 07, 2024 17:05

Prayagraj News : प्रयागराज में महाकुंंभ को लेकर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं और 13 जनवरी से शुरू होने वाला यह आयोजन इस बार खास आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस बार महाकुंभ में संत महात्माओं का आगमन हो चुका है और इनमें से एक प्रमुख नाम है हरियाणा के आवाहन अखाड़े के संत गीतानंद जी महाराज का। गीतानंद जी महाराज अपने शरीर पर ढाई लाख रुद्राक्ष धारण करते हैं और इन रुद्राक्षों से बनी करीब ढाई हजार मालाओं को शिवलिंग की आकृति में अपने सिर पर रखते हैं। उनके सिर पर रखी हुई रुद्राक्षों की मालाओं का वजन लगभग 45 किलो होता है।

"रुद्राक्ष वाले बाबा" के नाम से जाने जाते हैं
गीतानंद जी महाराज न सिर्फ रुद्राक्षों की मालाएं पहनते हैं, बल्कि अपने पूरे शरीर पर रुद्राक्ष का कवच भी धारण करते हैं। यह अद्भुत रूप से संत के रूप में उनकी पहचान बन चुका है और लोग उन्हें "रुद्राक्ष वाले बाबा" के नाम से भी जानते हैं। जब वे प्रयागराज के सड़कों पर चलते हैं, तो श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ते हैं। लोग उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए उत्सुक रहते हैं और यह बाबा संगम नगरी के महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।



हरियाणा और पंजाब से है रिश्ता
गीतानंद जी महाराज हरियाणा के पलवल से संबंधित हैं और उनका आश्रम हरियाणा और पंजाब में स्थित है। वे सन्यासियों के आवाहन अखाड़े से जुड़ी हुए हैं। छह साल पहले, 2019 में, वे संगम की रेती पर लगे कुंभ मेले में आए थे और यहां उन्होंने बारह सालों के लिए सिर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करने का संकल्प लिया था। उनका यह संकल्प विश्व कल्याण और सनातन धर्म की मजबूती के लिए था, जिसे वे अपने जीवन का उद्देश्य मानते हैं।

लोग भेंट करते हैं रुद्राक्ष की माला
शुरुआत में बाबा गीतानंद ने सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए थे, लेकिन समय के साथ उनके पास रुद्राक्ष की संख्या बढ़ती गई। अब वे जहां भी जाते हैं, लोग उन्हें रुद्राक्ष की मालाएं भेंट करते हैं। इन सभी मालाओं को वे एक-एक करके शिवलिंग की आकृति में संजोकर अपने सिर पर रखते हैं। उनका यह संकल्प 2031 में प्रयागराज कुंभ में पूरा होगा, जब वे इन रुद्राक्षों की संपूर्ण संख्या को अपने साथ धारण करके विश्व कल्याण का संदेश देंगे।

सीएम योगी से प्रभावित
रुद्राक्ष बाबा महाकुंभ में गंगा की रेती पर घंटों साधना करते हैं, जहां वे धूनी रमाकर आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं। उनका मानना है कि संत का अपना कोई व्यक्तिगत परिवार नहीं होता, बल्कि वह समूचे मानवता को अपना परिवार मानते हैं और उसके कल्याण की कामना करते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी वे अत्यधिक प्रभावित हैं और उनका कहना है कि योगी जी ने न केवल उत्तर प्रदेश को शानदार तरीके से चलाया है, बल्कि वे सनातन धर्म को भी मजबूती से बढ़ावा दे रहे हैं।

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