मेला क्षेत्र में आवारा कुत्तों की समस्या श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बन जाती है। खासतौर पर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं को इनसे अधिक परेशानी होती है।
महाकुंभ 2025 : आवारा कुत्तों से निपटने के लिए विशेष प्रयास, मेला क्षेत्र में बनेंगे कुत्तों के लिए सेल्टर होम
Dec 16, 2024 09:52
Dec 16, 2024 09:52
कुत्तों के लिए विशेष शेल्टर होम की व्यवस्था
नगर निगम प्रशासन मेला क्षेत्र में आवारा कुत्तों से निपटने के लिए अलग से एक शेल्टर होम तैयार करवा रहा है। यह शेल्टर होम मेला क्षेत्र के पास अरैल और नैनी इलाके में बनाया जा रहा है। इस शेल्टर होम में 300 आवारा कुत्तों को रखने की व्यवस्था होगी। यहां उनके खाने-पीने की व्यवस्था के साथ ही टीकाकरण और बधियाकरण किया जाएगा। नगर निगम के पशुधन अधिकारी डॉ. विजय अमृत राज ने बताया कि मेला क्षेत्र में कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। पकड़े गए कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा, जहां उनकी देखभाल और टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इस कदम से श्रद्धालुओं को मेला के दौरान आवारा कुत्तों की समस्या से राहत मिलेगी।
मेला क्षेत्र में चलाया जाएगा कुत्ते पकड़ने का अभियान
पूरे मेला क्षेत्र में नगर निगम की टीम कुत्ते पकड़ने के लिए सक्रिय रहेगी। अभियान के तहत कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में ले जाया जाएगा। जिससे वे श्रद्धालुओं के लिए किसी प्रकार की परेशानी का कारण न बनें। यह अभियान मेला शुरू होने से पहले और मेले के दौरान भी लगातार जारी रहेगा।
बड़े आवारा जानवरों के लिए हर घाट पर बाड़े की व्यवस्था
आवारा कुत्तों के साथ-साथ मेले के दौरान अन्य बड़े आवारा जानवर जैसे गाय, सांड और भैंस भी श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बनते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए संगम, फाफामऊ और झूंसी घाट पर अलग-अलग बाड़े बनाए जा रहे हैं। इन बाड़ों में आवारा जानवरों को सुरक्षित रखा जाएगा ताकि वे मेले के दौरान किसी तरह की बाधा उत्पन्न न करें। नगर निगम ने इन बाड़ों के निर्माण का लक्ष्य 1 जनवरी 2025 तक तय किया है। मेले की शुरुआत से पहले ही आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा नगर निगम की प्राथमिकता
महाकुंभ और माघ मेला में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। आवारा कुत्तों और जानवरों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा को बढ़ाएंगे, बल्कि मेले के प्रबंधन में भी सहायक होंगे।
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