महाकुंभ के अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालुओं ने "सनातन बोर्ड" के गठन की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जैसे वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्मस्थलों की देखभाल करता है, वैसे ही हिंदू धर्मस्थलों की संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए एक स्वायत्त संस्था की आवश्यकता है। यह मांग विशेष रूप से हिंदू मंदिरों की संपत्तियों पर बढ़ते खतरों के बीच उठाई गई है।
महाकुंभ में सनातन बोर्ड गठन की मांग : मुंबई से आए श्रद्धालुओं ने उठाई आवाज, हिंदू धर्मस्थलों की संपत्तियों और सुरक्षा पर विशेष जोर
Jan 13, 2025 11:35
Jan 13, 2025 11:35
वक्फ बोर्ड के बढ़ते प्रभाव पर सवाल
रोहित तिवारी ने बताया कि जब वक्फ बोर्ड का गठन हुआ था, तब उसके पास केवल 50,000 एकड़ जमीन थी। लेकिन आज यह आंकड़ा बढ़कर 10 लाख एकड़ जमीन तक पहुंच गया है। उनका कहना था कि वक्फ बोर्ड द्वारा कई हिंदू मंदिरों पर भी अधिग्रहण का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिरों को संरक्षित करने और सनातन धर्म की संपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए एक अलग "सनातन बोर्ड" की आवश्यकता है।
सनातन धर्म के संरक्षण की अपील
तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म के मंदिर और धार्मिक स्थलों को किसी भी प्रकार के बाहरी हस्तक्षेप से बचाने के लिए यह बोर्ड बेहद जरूरी है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द "सनातन बोर्ड" का गठन किया जाए, ताकि हिंदू धर्म से जुड़ी संपत्तियों और धार्मिक स्थलों की देखरेख के लिए एक स्वायत्त संस्था बनाई जा सके।
श्रद्धालुओं की मांग को मिला समर्थन
महाकुंभ में मौजूद अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस मांग का समर्थन किया। उनका कहना था कि हिंदू धार्मिक स्थलों की संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए एक विशेष बोर्ड का गठन समय की आवश्यकता है।
सरकार से अनुरोध
रोहित तिवारी और उनके समूह ने सरकार से अनुरोध करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि हमारी मंदिरों की संपत्तियों पर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न हो। इसके लिए 'सनातन बोर्ड' का गठन करना जरूरी है। जैसे वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्मस्थलों की देखभाल करता है, वैसे ही सनातन बोर्ड हिंदू धर्मस्थलों की देखभाल करेगा।
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