Jan 22, 2025 14:52
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Prayagraj News : महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन शिविर अरैल प्रयागराज में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के 15 छात्रों और डेलिगेट्स का दल आया। इस दल ने पवित्र संगम की भूमि पर भारतीय सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को निकटता से अनुभव किया। पूज्य साध्वी भगवती सरस्वती जी के सान्निध्य में छात्रों ने जीवन और अध्यात्म से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया और भारतीय संस्कृति के गहन आध्यात्मिक ज्ञान का अनुभव किया।
साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ दिव्य सत्संग
परमार्थ निकेतन के शिविर में छात्रों और डेलिगेट्स ने साध्वी भगवती सरस्वती जी के साथ एक दिव्य सत्संग में भाग लिया। इस दौरान साध्वी जी ने भारतीय आध्यात्मिकता, योग, ध्यान और महाकुंभ मेले की ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को वर्तमान वैश्विक मुद्दों, जैसे पर्यावरण संरक्षण, आंतरिक शांति और अंतरराष्ट्रीय संघर्ष समाधान से जोड़ते हुए समझाया।
साध्वी जी ने छात्रों को प्रेरित किया कि भारतीय संस्कृति का यह संदेश केवल एक देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक है। सत्संग के दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों का उत्तर देते हुए उन्हें जीवन के गहरे रहस्यों को समझने और आत्म-अन्वेषण करने के लिए प्रेरित किया।
पवित्र गंगा आरती में सहभाग
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित त्रिवेणी संगम पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में भाग लिया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आरती के दौरान पवित्र मंत्रोच्चार, संगीत और दिव्य वातावरण ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने विश्व शांति यज्ञ में आहुतियां समर्पित कर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से प्रेरणादायक भेंट
छात्रों को पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। स्वामी जी ने पर्यावरणीय चेतना और सतत विकास की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने छात्रों को जीवन में पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने और धरती को संरक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
परमार्थ निकेतन की पर्यावरणीय पहलों का अवलोकन
छात्रों ने परमार्थ निकेतन शिविर में पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल लाइफस्टाइल को प्रोत्साहित करने वाले कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने ईको-फ्रेंडली और सिंगल-यूज प्लास्टिक फ्री मॉडल की प्रशंसा की, जिसे परमार्थ निकेतन ने अपनाया है। इस पहल ने छात्रों को यह संदेश दिया कि आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी एक साथ चल सकती है।
महाकुंभ की दिव्यता का अनुभव
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों और डेलिगेट्स ने महाकुंभ मेले की दिव्यता, भव्यता और सांस्कृतिक समृद्धि को आत्मसात किया। इस अनुभव ने उन्हें भारतीय संस्कृति की गहराई और आध्यात्मिकता की विशालता का परिचय कराया। उन्होंने इस यात्रा को अपने जीवन का अद्वितीय अनुभव बताया और कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन विश्व को एकजुटता और दिव्यता का संदेश देते हैं।
विदाई के समय छात्र भावविभोर
परमार्थ निकेतन में बिताए गए इस समय ने छात्रों और डेलिगेट्स को न केवल भारतीय संस्कृति के करीब लाया, बल्कि उन्हें जीवन के गहरे अर्थ और मूल्यों का भी बोध कराया। महाकुंभ से विदा होते समय छात्रों ने इसे अपनी स्मृतियों में एक अविस्मरणीय अनुभव के रूप में संजोया। वे यहां से प्रेरणा, ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होकर लौटे।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों की यह यात्रा भारतीय संस्कृति और वैश्विक चेतना को जोड़ने का एक अद्भुत उदाहरण बनी, जो यह दर्शाती है कि भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपराएं आज भी विश्व को प्रेरित कर रही हैं।