महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच हरियाणा के फरीदाबाद निवासी कवि अस्थाना का दृश्य अद्वितीय और प्रेरणादायक है। कंधों पर भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति उठाए, कवि अस्थाना ने अपने इस संकल्प के जरिए न केवल सनातन धर्म की महिमा का...
Prayagraj News : कंधे पर शिव मूर्ति उठाए फरीदाबाद से महाकुंभ पहुंचे कवि, युवाओं को दिया ये संदेश...
Jan 18, 2025 15:30
Jan 18, 2025 15:30
- अस्थाना देश के 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूरी कर चुके हैं।
- देश के युवा सनातन धर्म को समझें और माता-पिता की सेवा करें।
युवाओं को जागरूक करने का मिशन
कवि अस्थाना ने यह संकल्प 2010 में लिया था। उनका उद्देश्य है, 'युवाओं को क्लब और पार्टियों में समय व्यर्थ करने की बजाय भगवान की भक्ति और अपने माता-पिता की सेवा के लिए प्रेरित करना है।' वे मानते हैं कि यह जागरूकता ही हमारे सनातन धर्म को मजबूत बनाएगी और अगली पीढ़ी को सही दिशा में ले जाएगी। महाकुंभ में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के युवा आधुनिक जीवनशैली के कारण अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं। मेरा प्रयास है कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को अपनाएं, भगवान की भक्ति करें और अपने परिवार का आदर करें।
हरिद्वार से फरीदाबाद तक कांवड़ यात्रा
कवि अस्थाना हर साल भगवान शिव की मूर्ति कंधों पर लेकर हरिद्वार से फरीदाबाद तक कांवड़ यात्रा करते हैं। यह यात्रा वे पिछले 15 सालों से करते आ रहे हैं। उनकी यात्रा न केवल उनके अटूट विश्वास और शिवभक्ति को दर्शाती है, बल्कि एक प्रेरणा भी है कि संकल्प और समर्पण के बल पर कोई भी असंभव कार्य किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी भक्ति और जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
भगवान शिव का चमत्कार
कवि अस्थाना के जीवन में एक ऐसा क्षण आया, जिसने उनकी शिवभक्ति को और मजबूत कर दिया। साल 2017 में उनके पिता, जो हरियाणा पुलिस से रिटायर हुए थे, को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, लेकिन भगवान शिव की कृपा और डॉक्टर शिवपाल सैनी की मदद से उनके पिता का इलाज दिल्ली एम्स में हुआ और वे पूरी तरह स्वस्थ हो गए। अस्थाना ने इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हुए कहा कि यह शिवजी की कृपा ही थी कि मेरे पिता आज जीवित हैं। तब मैंने निश्चय किया कि जब तक मैं जीवित हूं, भगवान शिव को अपने कंधों पर लेकर यात्रा करता रहूंगा।
12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूरी
अब तक कवि अस्थाना देश के 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पूरी कर चुके हैं। हालांकि, उन्होंने इसे दोबारा शुरू किया है और अब तक दो ज्योतिर्लिंगों की यात्रा दोबारा पूरी कर ली है। यह यात्रा उनकी शिवभक्ति और धैर्य का प्रतीक है। उन्होंने महाकुंभ में अपनी उपस्थिति का उद्देश्य बताया, कहा कि मैं चाहता हूं कि देश के युवा सनातन धर्म के महत्व को समझें और अपने माता-पिता की सेवा करें। यही हमारा धर्म और कर्तव्य है।
सोशल मीडिया पर बढ़ी ख्याति
कवि अस्थाना की इस यात्रा और भगवान शिव के प्रति उनकी निष्ठा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। खासकर इंस्टाग्राम पर उनकी यात्रा के वीडियो को लाखों लोगों ने देखा और सराहा। उनकी इस यात्रा ने न केवल उन्हें लोकप्रियता दिलाई, बल्कि भगवान शिव के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति को भी लोगों के दिलों तक पहुंचाया।
महाकुंभ में युवाओं को संदेश
महाकुंभ में कवि अस्थाना का उद्देश्य स्पष्ट है युवाओं को सनातन धर्म और अपने परिवार के प्रति जागरूक करना। उनका मानना है कि आज के समय में, जब लोग आधुनिकता के नाम पर अपनी परंपराओं से दूर हो रहे हैं, तब हमें अपनी संस्कृति को संजोने और आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि भगवान की भक्ति और माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। अगर हर युवा इसे समझ ले तो हमारा समाज और धर्म और भी मजबूत होगा।
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