राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी को संसद की वित्त मंत्रालय स्थायी समिति में दोबारा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही, उन्हें राज्यसभा की प्रभावशाली इथिक्स कमेटी का सदस्य भी नियुक्त किया गया है।
संसदीय वित्त समिति : प्रमुख भूमिका के लिए प्रमोद तिवारी की पुनः नियुक्ति, राज्यसभा की इथिक्स कमेटी के सदस्य भी बने
Oct 16, 2024 21:31
Oct 16, 2024 21:31
प्रमोद तिवारी का नाम राज्यसभा की इन महत्वपूर्ण समितियों में शामिल होने से उनका सियासी कद और बढ़ा है। उनके लंबे संसदीय अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। तिवारी ने यूपी विधानसभा में लगातार नौ बार विधायक के रूप में और अब दूसरी बार राज्यसभा सांसद के रूप में अपने अनुभव का परिचय दिया है। उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें संसद की इन समितियों में शामिल किया गया है, जहां वे सांसदों के आचरण और वित्तीय मामलों की गहन समीक्षा करेंगे।
वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति में महत्वपूर्ण भूमिका
संसद सचिवालय द्वारा जारी अधिसूचना में प्रमोद तिवारी को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के साथ वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। यह समिति केंद्र सरकार की वित्तीय नीतियों और योजनाओं की समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही, तिवारी का राज्यसभा की इथिक्स कमेटी में शामिल होना उनके कद और जिम्मेदारियों में और वृद्धि का प्रतीक है।
समर्थकों में खुशी की लहर
प्रमोद तिवारी को इस दोहरी जिम्मेदारी मिलने की खबर से प्रतापगढ़ में उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच खुशी का माहौल है। जैसे ही यह सूचना मीडिया के माध्यम से सामने आई, उनके प्रशंसक उत्साह से भर गए। राज्यसभा में उनकी इस नियुक्ति से प्रतापगढ़ का नाम एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया है।
इन नियुक्तियों से प्रमोद तिवारी का कद राष्ट्रीय राजनीति में और मजबूत हुआ है। उनकी यह भूमिका न केवल उनकी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि उनके गृह जिले प्रतापगढ़ के लिए भी एक गौरवपूर्ण क्षण है। तिवारी के चयन से क्षेत्र के विकास और राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका को और अधिक महत्व मिला है, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ और मजबूत हुई है।
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