प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर अब बनकर तैयार हो चुका है, जहां लाखों श्रद्धालु हनुमान की पूजा करते हैं। इस मंदिर में षोडशोपचार पूजा का विशेष महत्व है...
महाकुम्भ 2025 : बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार, पीठाधीश्वर ने बताया षोडशोपचार पूजा का महत्व
Dec 15, 2024 19:55
Dec 15, 2024 19:55
16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा
बलवीर गिरी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज दौरे के दौरान बड़े हनुमान मंदिर में पूजा की। कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।
'प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण '
उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। उन्होंने सीएम योगी की भी तारीफ की। सीएम योगी जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है।
स्वच्छता का भी दिया संदेश
उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को 'स्वच्छ महाकुम्भ' बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।
Also Read
15 Dec 2024 08:11 PM
महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, और इस बार महाकुंभ में विदेशी संतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। और पढ़ें