प्रयागराज महाकुम्भ 2025 : रेलवे और बस स्टेशन पर मिलेगा त्रिवेणी का पावन जल, पैकिंग के लिए मूंज की डिजाइनर डलियां तैयार

रेलवे और बस स्टेशन पर मिलेगा त्रिवेणी का पावन जल, पैकिंग के लिए मूंज की डिजाइनर डलियां तैयार
UPT | मूंज की डिजाइनर डलियां

Nov 25, 2024 15:26

प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ को लेकर प्रशासन का ये अनुमान है कि मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। त्रिवेणी के तट पर स्नान करने वाले हर श्रद्धालु की इच्छा होती है कि वे इस पवित्र संगम का जल अपने घर ले जाएं...

Nov 25, 2024 15:26

Prayagraj News : प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ को लेकर प्रशासन का ये अनुमान है कि मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। त्रिवेणी के तट पर स्नान करने वाले हर श्रद्धालु की इच्छा होती है कि वे इस पवित्र संगम का जल अपने घर ले जाएं। महाकुम्भ के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं की इस इच्छा को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक विशेष कदम उठाया है। अब श्रद्धालुओं को त्रिवेणी का पावन जल रेलवे और बस स्टेशनों पर भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि श्रद्धालु आसानी से इस जल को प्राप्त कर सकें।

पवित्र जल का विशेष महत्व
बता दें कि पुण्य भूमि प्रयागराज की पहचान है यहां का तीन पावन नदियों का वह संगम जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होता है। इसी वजह से यहां के इस पवित्र जल का विशिष्ट महत्व है। माघ मेला, कुम्भ और महाकुम्भ में यहां लोग स्नान करने आते हैं और अपने साथ संगम का जल ले जाते हैं।



अधिक भीड़ के कारण होती है परेशानी
महाकुम्भ में अधिक भीड़ होने के चलते बड़ी संख्या में लोगों को त्रिवेणी का पावन जल नहीं मिल पाता है। लेकिन इस बार महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। शहर के सभी बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर बोतल बंद और कलश में त्रिवेणी का जल उपलब्ध होगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इस जिम्मेदारी को निभाएंगी। उपायुक्त एनआरएलएम राजीव कुमार सिंह ने बताया कि महाकुम्भ को देखते हुए यह विशेष व्यवस्था सरकार के निर्देश पर की जा रही है। 

एक हजार महिलाएं उठाएंगी जिम्मेदारी
महाकुम्भ से पहले प्रयागराज में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व धार्मिक स्थानों पर गंगाजल उपलब्ध कराएंगी। उपायुक्त एनआरएलएम राजीव कुमार सिंह के मुताबिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में यह स्टार्ट अप शुरू किया जा रहा है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन एक हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
इन महिलाओं को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व अन्य धार्मिक स्थानों पर गंगाजल की बिक्री का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर इन महिलाओं का काम अच्छा रहा तो इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी बनेंगी। इसका पूरा खाका तैयार किया जा चुका है। रेल और परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी इसे लेकर समन्वय स्थापित किया जा रहा है। 

मूंज से बनी डलियों का होगा इस्तेमाल
त्रिवेणी का जल धातु से बने कलश और बोतलों में होगा जिसे खूबसूरत और सुरक्षित आधार प्रदान करने के लिए मूंज की डिजाइनर डलियां तैयार की गई हैं। प्रयागराज के एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) मूंज को इसके लिए खास तौर पर चुना गया है। नैनी के महेवा गांव मूंज के उत्पाद बनाने वाली महिलाओं ने इसके लिए डिजाइनर डलियां बनाई हैं। यह त्रिवेणी का जल एक लीटर,आधा लीटर और 250 मिली के पैकिंग में होंगी । इससे जिले के ओडीओपी की ब्रांडिंग भी होगी।

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