संभल हिंसा : कांग्रेस का मौन धरना, दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग

कांग्रेस का मौन धरना, दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग
UPT | प्रदेश सरकार की लापरवाही पर कांग्रेस ने दिया मौन धरना

Nov 25, 2024 17:14

झांसी में कांग्रेस ने संभल हिंसा के विरोध में मौन धरना दिया। नेताओं ने प्रदेश सरकार की नाकामी को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।

Nov 25, 2024 17:14

Jhansi News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा के दौरान पुलिस की गोली लगने से कई लोगों की मौत के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने मौन धरना देकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। गांधी उद्यान कचहरी चौराहा पर सोमवार को आयोजित इस धरने में कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश सरकार को कुंभकरण की नींद से जगाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
 
पूर्व मंत्री ने लगाए आरोप
धरने का नेतृत्व झांसी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह पारीछा ने किया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा, "उत्तर प्रदेश की घटना प्रदेश सरकार की नाकामी को दर्शाती है। पुलिस द्वारा पांच निर्दोष लोगों की गोली मारकर हत्या करना सरकार की लापरवाही का परिणाम है। मणिपुर और उत्तर प्रदेश की स्थिति यह साबित करती है कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पूरी तरह विफल हैं। ऐसी सरकारों को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।"
 
नफरत और तनाव का माहौल पैदा हो रहा है 
प्रदेश सचिव एवं एआईसीसी सदस्य मनीराम कुशवाहा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में नफरत और तनाव का माहौल पैदा कर रही है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं। यह न केवल चिंताजनक है, बल्कि समाज को विभाजित करने का प्रयास भी है।"
 
नेता और कार्यकर्ता हुए शामिल
इस धरने में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इनमें देवी सिंह कुशवाहा, अखिलेश गुरुदेव, शफीक अहमद मुन्ना, विनय उपाध्याय, शैलेंद्र वर्मा, राजू प्रजापति, आफताब आब्दी, आकाश दुबे सहित अन्य नेताओं ने मौन धरना देकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की।
 
धरना समाप्ति के बाद कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार से दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इन मांगों को नहीं माना तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा।

 

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