मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज दौरे के दौरान मेला क्षेत्र में आयोजित ओडीओपी प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रदेश भर से आए हस्तशिल्पियों के स्टॉल पर जाकर उनकी सराहना की और उनके कार्यों का उत्साह बढ़ाया...
सीएम योगी ने किया ओडीओपी प्रदर्शनी का अवलोकन : बोले- वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट्स ने बढ़ाया प्रदेश का मान
Jan 19, 2025 22:59
Jan 19, 2025 22:59
45 दिन तक चलेगा हस्तशिल्प का महोत्सव
सीएम योगी ने कहा कि यह प्रदर्शनी प्रदेश के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का अभूतपूर्व प्रयास है। उत्तर प्रदेश के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ने पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से 45 दिन तक चलने वाले इस महाआयोजन में जिला स्तर के छोटे उद्यमी और कारीगर वैश्विक कारोबार की संभावनाएं तलाशेंगे। इससे उनके व्यापार को भी नए पंख लगेंगे और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
संगम पर आयोजित इस महायोगिक उत्सव
प्रयागराज में संगम पर आयोजित इस महायोगिक उत्सव में 6000 वर्ग मीटर क्षेत्र में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) की शानदार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां कालीन, जरी-जरदोजी, फिरोजाबाद के कांच के खिलौने, बनारस के लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। 2019 में भी ओडीओपी प्रदर्शनी का आयोजन हुआ था और तब 4.30 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था, जबकि इस बार 35 करोड़ रुपए तक के कारोबार की संभावना है। इससे रोजगार और छोटे उद्यमियों को नई दिशा मिलेगी। व्यवसाय और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
बनारसी साड़ी से लेकर 75 उत्पाद प्रदर्शनी में पेश
काशी के शिल्पकारों ने लकड़ी के खिलौने, बनारसी ब्रोकेड, मेटल रिपोज, मेटल कास्टिंग जैसे 75 उत्पाद प्रदर्शनी में पेश किए हैं। उत्तर प्रदेश के 75 जीआई उत्पादों को ओडीओपी योजना के तहत प्रदर्शित किया जा रहा है। इनमें बनारसी साड़ी, प्रतापगढ़ का आंवला, मिर्जापुर के पीतल बर्तन और गोरखपुर का टेराकोटा शामिल हैं। कुशीनगर के कालीन और फिरोजाबाद के कांच के खिलौने और बर्तन भी प्रदर्शनी का आकर्षण बने हुए हैं। 75 जीआई उत्पादों में से 34 काशी क्षेत्र से हैं।
छोटे उद्यमियों को मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का मौका
उत्तर प्रदेश एमएसएमई विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में ओडीओपी योजना का यह आयोजन राज्य के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि उद्यमियों के लिए व्यापार का एक विशाल मंच भी बन गया है। जहां देश-विदेश के लोग आकर हस्तशिल्पियों के उत्पादों को पसंद कर रहे हैं और खरीद भी रहे हैं।
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