योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए इस बार पहली बार बड़े स्तर पर इस महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन करने जा रही है। महाकुंभ में आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा...
डिजिटल महाकुंभ : अब कुंभ में अपनों से नहीं बिछड़ेंगे लोग, खाेने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे
Nov 21, 2024 18:10
Nov 21, 2024 18:10
डिजिटल खोया पाया केंद्र की स्थापना
एक दिसंबर से लाइव होने वाला डिजिटल खोया पाया केंद्र श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा साबित होगा। यह केंद्र 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरों के साथ पूरी मेला क्षेत्र पर नजर रखेगा। योगी सरकार के निर्देश पर इन कैमरों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया अंतिम चरण में है और मेला क्षेत्र की चार प्रमुख लोकेशन पर इनकी टेस्टिंग पूरी हो चुकी है। इस तकनीकी प्रणाली के माध्यम से श्रद्धालु अपने खोए हुए परिजनों की खोज में सुविधा महसूस करेंगे।
तेज और प्रभावी तकनीक
महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ये डिजिटल खोया-पाया केंद्र तकनीक की मदद से चलेंगे। इनमें हर खोए हुए व्यक्ति का तत्काल डिजिटल पंजीकरण किया जाएगा। जिससे एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में सक्रिय हो जाएंगे। इसके साथ ही गुमशुदा व्यक्ति की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी साझा किया जाएगा। इस व्यवस्था से न केवल मेले की सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि परिवारों को भी अपने प्रियजनों से जल्दी और आसानी से जोड़ने में मदद मिलेगी। महाकुंभ में बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीक तेजी से काम करेगी और श्रद्धालुओं की पहचान में सहायता करेगी। 45 करोड़ लोगों की भीड़ में, एआई कैमरे फोटो खींचकर और तुरंत पहचान कर सकते हैं। इससे बिछड़े लोगों को उनके परिवारों से फिर से मिलाने का कार्य बहुत आसान होगा।
सुरक्षित पहचान की प्रक्रिया
महाकुंभ मेले में किसी भी व्यक्ति के बिछड़ने पर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली लागू की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे या महिला को ले जाता है, तो उसे सुनिश्चित करना होगा कि वह उनकी पहचान जानता है और पहचान प्रमाणित है। यह प्रक्रिया न केवल मेले की सुरक्षा को बढ़ाएगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी मानसिक सुकून प्रदान करेगी।