समुद्र कूप तीर्थ में विदेशी भक्तों के लिए तैयार हो रहे स्विस कॉटेज : इतना होगा प्रतिदिन का किराया, दिल्ली और महाराष्ट्र से पहुंचे कारीगर

इतना होगा प्रतिदिन का किराया, दिल्ली और महाराष्ट्र से पहुंचे कारीगर
UPT | तैयार होते स्विस कॉटेज

Dec 15, 2024 14:55

पुरानी झूंसी स्थित गंगा तट पर स्थित समुद्र कूप तीर्थ आश्रम में विदेशी भक्तों के स्वागत के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं...

Dec 15, 2024 14:55

Prayagraj News : पुरानी झूंसी स्थित गंगा तट पर स्थित समुद्र कूप तीर्थ आश्रम में विदेशी भक्तों के स्वागत के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। समुद्र कूप तीर्थ से जुड़े आशीष पांडेय ने बताया कि यहा विदशों से लोग सनातन धर्म को जानने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि  स्विट्जरलैंड, इटली, अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, रूस, फ्रांस, तुर्किये और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से लोग सनातन धर्म को समझने के लिए यहां आते रहे हैं और इस बार भी कई विदेशी श्रद्धालु महाकुंभ के दौरान यहां आने वाले हैं।

इतना होगा किराया
महाकुंभ के अवसर पर समुद्र कूप तीर्थ क्षेत्र में एक निजी कंपनी द्वारा 40 स्विस कॉटेज बनाए जा रहे हैं। इन कॉटेज का निर्माण सिंगल और डबल बेड वाले दो प्रकार में किया जा रहा है। सिंगल बेड वाले कॉटेज का किराया प्रतिदिन 25,000 रुपये होगा। जबकि डबल बेड वाले का किराया 40,000 रुपये निर्धारित किया गया है। ये कॉटेज 13 जनवरी से 20 फरवरी तक उपलब्ध रहेंगे।



कॉटेज का निर्माण और डिजाइन
इन स्विस कॉटेज का निर्माण राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र के अनुभवी कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। 2019 के कुंभ में भी इसी तरह के कॉटेज बनाए गए थे। वर्तमान में पुणे की एक कंपनी इन कॉटेज का निर्माण कर रही है और यह कंपनी लद्दाख, तिब्बत, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे विभिन्न स्थानों पर भी इसी तरह के कॉटेज बना चुकी है। ये कॉटेज 4 बीघा क्षेत्र में बन रहे हैं और इनका निर्माण पिछले तीन महीनों से जारी है।

गंगा तट से निकटता और सुविधाएं
आश्रम के महंत विपिन बिहारीदास के अनुसार ये कॉटेज गंगा तट से केवल आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। महाकुंभ के दौरान जब मेला अपने चरम पर होगा तो विदेशी मेहमान ऊंचे टीले से मेले का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा,आश्रम के भीतर बनी 115 सीढ़ियां श्रद्धालुओं को सीधे मेला क्षेत्र में पहुंचने का रास्ता प्रदान करेंगी। स्विस कॉटेज में पांच सितारा सुविधाओं का दावा किया जा रहा है। इनमें सिंगल बेड और डबल बेड दोनों प्रकार के कॉटेज होंगे। प्रत्येक कॉटेज में बेड, बाथरूम, टॉयलेट और वॉश बेसिन की व्यवस्था होगी। सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए,कॉटेज में ब्लोवर की भी व्यवस्था की गई है। ये कॉटेज 10 जनवरी से 25 जनवरी के बीच पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।

Also Read

आखिर क्यों त्रिवेणी संगम पर किया जाता है शाही स्नान? जानें विशेष महत्व

15 Dec 2024 03:54 PM

प्रयागराज महाकुंभ 2025 : आखिर क्यों त्रिवेणी संगम पर किया जाता है शाही स्नान? जानें विशेष महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है, साथ ही विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस महापर्व का साधु-संत बेसब्री से इंतजार करते हैं। और पढ़ें