महाकुंभ की तैयारी के तहत प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने आगामी 18-19 नवंबर को विभिन्न अखाड़ों को भूमि आवंटन करने की प्रक्रिया की घोषणा की है। यह कदम अखाड़ों और साधु-संतों की महत्वपूर्ण आवश्यकता...
महाकुंभ 2025 : प्रयागराज मेला प्राधिकरण का निर्णय, अखाड़ों को इस तारीख को करेगा भूमि आवंटन
Nov 16, 2024 15:05
Nov 16, 2024 15:05
भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू
मेला प्राधिकरण ने यह स्पष्ट किया है कि पिछले कुंभ के मुकाबले किसी भी अखाड़े को कम भूमि आवंटित नहीं की जाएगी। इस दिशा में प्राधिकरण ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ मिलकर सभी प्रमुख अखाड़ों के प्रतिनिधियों से संवाद किया है। यह संवाद पारंपरिक तरीके से किया जाएगा, जिससे सभी पक्षों की संतुष्टि सुनिश्चित हो सके। भूमि आवंटन के बाद अन्य संस्थानों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया में चारों पीठों के शंकराचार्यों और दण्डी स्वामियों को भी उनके शिविर स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान की जाएगी।
भूमि आवंटन की प्रक्रिया
अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि भूमि आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए सभी अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ताएं चल रही हैं। यह प्रक्रिया 18-19 नवंबर को पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी अखाड़ों को उनकी जरूरत के अनुसार भूमि आवंटित की जाए। भूमि आवंटन के साथ-साथ पानी, बिजली, शौचालय, नाली और सफाई जैसी आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इन सुविधाओं के माध्यम से साधु-संतों और अखाड़ों को महाकुंभ के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
विकास कार्यों में तेजी
महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी प्रतीक है। इसके आयोजन के लिए शहर के सौंदर्यीकरण और विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। जिससे प्रयागराज महाकुंभ नगरी के रूप में विकसित हो रहा है।
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