शान्तनु मुखर्जी 1973 में एक पीपीएस अधिकारी के रूप में यूपी पुलिस में शामिल हुए और एक आईजी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) में बतौर आईजी काम किया, जहां उनकी सेवाओं को विशेष सम्मान मिला।
सेवानिवृत्त आईजी शान्तनु मुखर्जी ने डीजीपी प्रशांत कुमार से की मुलाकात : कुंभ मेले में ड्यूटी पर आए पुलिसकर्मियों को दे रहे खास ट्रेनिंग
Nov 16, 2024 16:43
Nov 16, 2024 16:43
डीजीपी ने उत्कृष्ट योगदान की सराहना की
इस मौके पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने शान्तनु मुखर्जी के योगदान को सराहते हुए उन्हें एक मोमेंटो प्रदान किया। यह सम्मान उनके पुलिस सेवा में दिए गए लंबे और उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया। डीजीपी ने मुखर्जी की सेवाओं की सराहना की और उनके अद्वितीय अनुभवों को साझा करने की सराहना की।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में दे चुके हैं सेवाएं
शान्तनु मुखर्जी 1973 में एक पीपीएस अधिकारी के रूप में यूपी पुलिस में शामिल हुए और एक आईजी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) में बतौर आईजी काम किया, जहां उनकी सेवाओं को विशेष सम्मान मिला। उनके काम के लिए उन्हें राष्ट्रपति के पुलिस पदक और भारतीय पुलिस पदक से नवाजा गया। उनके बहुआयामी करियर में मॉरीशस के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में सेवा करना भी शामिल है, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी।
कुंभ मेले में प्रशिक्षण कार्य
वर्तमान में, शान्तनु मुखर्जी कुंभ मेले में ड्यूटी पर आए पुलिसकर्मियों को व्यवहार और स्किल की ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण पुलिस बल के अधिकारियों को बेहतर सेवा देने और मेले के दौरान सुरक्षा मानकों को बनाए रखने में सहायक है। इस मौके पर एडीजी अमिताभ यश समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने मुखर्जी के करियर के अनुभवों को सुनकर प्रेरणा ली और उनके कार्यों की सराहना की।
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