केंद्र सरकार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के मामले में दायर याचिका पर निर्णय प्रस्तुत करने के लिए 24 मार्च 2025 तक का समय दिया।
राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 24 मार्च तक पेश करना होगा निर्णय
Dec 20, 2024 10:48
Dec 20, 2024 10:48
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि राहुल गांधी ने कथित रूप से अपनी ब्रिटिश नागरिकता को छुपाया है। उनके पास ब्रिटिश सरकार के दस्तावेज और कुछ ईमेल हैं। जो यह प्रमाणित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। याचिका के अनुसार, इस वजह से राहुल गांधी भारतीय संविधान के तहत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं और रायबरेली लोकसभा सीट से उनके निर्वाचन को रद्द किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता का यह भी आरोप है कि उन्होंने इस विषय पर दो बार सक्षम प्राधिकरण को शिकायतें भेजीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उन्हें यह याचिका दायर करनी पड़ी।
अदालत का निर्देश और सरकार का पक्ष
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से मामले पर जवाब मांगा। केंद्र सरकार की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस. बी. पांडे ने अदालत को सूचित किया कि इस मामले में ब्रिटेन सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी गई है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि सरकार को अंतिम निर्णय लेने के लिए आठ सप्ताह का और समय दिया जाए।
याचिकाकर्ता की मांग
याचिका में यह भी कहा गया है कि राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता भारतीय दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध है। याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया है कि इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए और राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए।
24 मार्च को होगी अगली सुनवाई
सरकार ने ब्रिटेन सरकार को इस मामले में पत्र लिखकर राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता से जुड़े सभी विवरण मांगे हैं। सरकार का कहना है कि इस जानकारी के आधार पर ही याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह 24 मार्च 2025 तक याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर लिए गए निर्णय को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करे। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।
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