लॉरेन पॉवेल जॉब्स को उनके गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने अपना शिष्य स्वीकार किया है। उन्होंने उन्हें अपनी 'पुत्री' के रूप में स्थान देते हुए गोत्र प्रदान किया और उनका नामकरण 'कमला' किया।
महाकुंभ में शामिल हुई स्टीव जॉब्स की पत्नी को मिला नया नाम : कैलाशानंद गिरि ने अपना गोत्र भी दिया, हिंदू धर्म में गहरी आस्था रखती है लॉरेन पॉवल
Jan 12, 2025 11:34
Jan 12, 2025 11:34
सनातन धर्म में दीक्षा और नामकरण
लॉरेन पॉवेल जॉब्स को उनके गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने अपना शिष्य स्वीकार किया है। उन्होंने उन्हें अपनी 'पुत्री' के रूप में स्थान देते हुए गोत्र प्रदान किया और उनका नामकरण 'कमला' किया। यह नामकरण समारोह वाराणसी में आयोजित हुआ, जहां लॉरेन ने बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए, गंगा में नौकायन का अनुभव लिया और दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में भाग लिया। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन, जिन्हें अब कमला के नाम से जाना जाएगा, उनके प्रति गहरी श्रद्धा और स्नेह रखती हैं। उन्होंने अपने गुरु को पिता समान मानते हुए सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने और समझने की इच्छा व्यक्त की है।
महाकुंभ में शामिल होने की योजना
कमला (लॉरेन जॉब्स) प्रयागराज महाकुंभ में दो प्रमुख शाही स्नानों, मकर संक्रांति स्नान और मौनी अमावस्या स्नान में भाग लेंगी। उनकी यह यात्रा एक आध्यात्मिक साधना का हिस्सा है, जिसमें वे संतों और अन्य श्रद्धालुओं के साथ रहकर सनातन धर्म की गहराइयों को समझने की कोशिश करेंगी। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि महाकुंभ का यह आयोजन न केवल अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि यह विश्व भर के लोगों को भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा से जोड़ने का एक अनूठा माध्यम भी है। कमला का इस आयोजन में भाग लेना इस बात का प्रतीक है कि सनातन धर्म की व्यापकता और गहराई आज भी दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही है।
जॉब्स परिवार का सनातन धर्म का नाता
लॉरेन जॉब्स के पति और ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का सनातन धर्म और भारतीय अध्यात्म से गहरा संबंध रहा है। 1970 के दशक में स्टीव जॉब्स सात महीने के लिए भारत आए थे और नैनीताल स्थित कैंची धाम में बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन किए थे। बाबा के प्रति उनकी अगाध आस्था थी और उन्होंने अपनी जिंदगी के कई सिद्धांत भारतीय आध्यात्मिकता से सीखे। लॉरेन अपने दिवंगत पति के पदचिह्नों पर चलते हुए, अब इस परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं। उनका महाकुंभ में शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि जॉब्स परिवार का भारतीय आध्यात्मिकता और सनातन धर्म से विशेष जुड़ाव रहा है।
महाकुंभ में कमला का योगदान
महाकुंभ के दौरान, कमला केवल आध्यात्मिक शांति की खोज के लिए नहीं आई हैं, बल्कि वे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में भी अपनी भूमिका निभाना चाहती हैं। वह कथा, प्रवचन और ध्यान जैसे कार्यक्रमों में भाग लेंगी और अन्य श्रद्धालुओं के साथ अपने अनुभव साझा करेंगी। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने यह भी बताया कि अगर कमला की इच्छा होगी, तो वे 13 जनवरी को अखाड़े की पेशवाई में भी भाग लेंगी। उनकी उपस्थिति महाकुंभ में एक विशेष आकर्षण होगी और सनातन धर्म के प्रति विश्वभर के लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी।
Also Read
12 Jan 2025 08:56 PM
महाकुम्भ प्रयागराज मेला परिसर में इस बार सामाजिक संदेशों के प्रचार का बड़ा सिलसिला देखा गया। स्नान पर्व शुरू होने से एक दिन पहले बाबा जय गुरुदेव के संगत प्रेमियों ने महाकुम्भ नगर क्षेत्र में शाकाहारी फेरी निकाली। और पढ़ें