केन्द्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उसकी कार्यप्रणाली में संशोधन को लेकर बिल लाने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक...
Prayagraj News : वक्फ बोर्ड ने नए बिल के विरोध का ऐलान किया, केंद्र की मंशा पर उठाए सवाल...
Aug 05, 2024 14:25
Aug 05, 2024 14:25
- वक्फ प्रॉपर्टी और नजूल प्रॉपर्टी बिल्कुल अलग है।
- केंद्र सरकार की वक्फ की संपत्ति में दखल बर्दाश्त नहीं।
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को हड़पने के लिए कानून
वक्फ बोर्ड को लेकर लाए जा रहे नए बिल का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करने का ऐलान किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रस्तावित बिल को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉक्टर सैयद वसीम रसूल इलियास ने कहा कि यह कानून वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को हड़पने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक बार फिर से मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है। वक्फ का 2013 का कानून वक्फ की संपत्तियों को संरक्षित करता है। वक्फ संपत्ति वह प्रॉपर्टी है, जिसे उनके बुजुर्गों ने चैरिटी के लिए दे रखी है। वक्फ प्रॉपर्टी पर मदरसे, मस्जिदें, दरगाहें और कब्रिस्तान बने हैं।
सारे कानून मुसलमानों के अधिकार छीनने के लिए
पूरे देश में जगह-जगह वक्फ की प्रॉपर्टी मौजूद है, जो कि वक्फ एक्ट से संरक्षित है। उन्होंने कहा है कि अगर इसमें केंद्र सरकार किसी तरह का बदलाव करना चाहती है तो पहले उसे मुसलमानों से बात करनी चाहिए। क्योंकि वक्फ का कानून संविधान से भी संरक्षित है। शरियत एप्लीकेशन एक्ट 1937 को संविधान से प्रोटेक्शन मिला हुआ है, वक्फ उसी के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब भी मुसलमान से संबंधित कोई भी कानून लेकर आई है तो मुसलमान से कुछ न कुछ छीना ही गया है। वह चाहे मौलाना आजाद फाउंडेशन को खत्म करने की बात रही हो, चाहे स्कॉलरशिप खत्म करने की बात हो या फिर ट्रिपल तलाक का कानूनी ही क्यों ना हो। यह सारे कानून मुसलमानों से उनके अधिकार छीनने के लिए लाए गए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉक्टर सैयद वसीम रसूल इलियास ने कहा कि अगर वक्फ एक्ट में किसी तरह का बड़ा बदलाव लाने की तैयारी की जाएगी, तो मुसलमान इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसका पुरजोर विरोध करेगा। विपक्षी पार्टियों के साथ ही एनडीए गठबंधन के दलों से भी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपील करता है कि ऐसी किसी भी कोशिश को कामयाब न होने दें। इसे संसद में कतई पास न होने दें।
वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉक्टर सैयद वसीम रसूल इलियास ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी लोग अल्लाह के लिए दान में देते हैं, जो वक्फ एक्ट से गवर्न होती है। अगर कानून के जरिए वक्फ की प्रॉपर्टी को छीनने की कोशिश की जाएगी और केंद्र सरकार वक्फ की संपत्ति में दखल देने की कोशिश करेगी तो यह वक्फ प्रॉपर्टीज पर अतिक्रमण होगा और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी कोशिश को रोकने के लिए डेमोक्रेटिक से लेकर लीगल सभी तरह के कदम उठाए जाएंगे। केंद्र सरकार की यह पहली कोशिश है कि कानून लाकर वक्फ प्रॉपर्टी को हड़पा जाए। इसके बाद दूसरे धर्म के भी ऊपर सरकार इसी तरह से हमला करेगी। वह चाहे सिख हों, ईसाई हों या फिर हिंदू ही क्यों ना हों। सबकी संपत्तियों पर सरकार कब्जा करने की कोशिश करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉक्टर सैयद वसीम रसूल इलियास ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां प्राइम लोकेशन पर हैं। सरकार की मंशा ठीक नहीं है, सरकार उन संपत्तियों को छीनना चाहती है।
वक्फ बोर्ड पर लाया कानून नजूल भूमि से अलग
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉक्टर सैयद वसीम रसूल इलियास ने यूपी में लाए गए नजूल कानून को लेकर कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी और नजूल प्रॉपर्टी बिल्कुल अलग है। नजूल प्रॉपर्टी पर सरकार का अधिकार होता है। लेकिन, वक्फ प्रॉपर्टी वह प्रॉपर्टी है, जो मुसलमानों के ही बुजुर्गों ने अपनी संपत्ति को शबाब की नियत से चैरिटी के लिए दिया है। यह वक्फ बोर्ड के नियमों से गवर्न होती है। वक्फ की जमीनों पर वेलफेयर के काम किए जाते हैं।
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