पाकिस्तान में भगत सिंह को बताया गया आतंकी : सहारनपुर में रह रहे परिवार ने की कड़ी निंदा, जानिए भारत सरकार से क्या मांग की 

सहारनपुर में रह रहे परिवार ने की कड़ी निंदा, जानिए भारत सरकार से क्या मांग की 
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Nov 13, 2024 14:27

शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पाकिस्तान में उग्रवादी कहे जाने का मामला सामने आने पर भारत में नाराजगी बढ़ गई है। सहारनपुर में रह रहे भगत सिंह के परिवार ने इस बयान की घोर निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान में एक संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक बताया है।

Nov 13, 2024 14:27

Saharanpur News : शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पाकिस्तान में उग्रवादी कहे जाने का मामला सामने आने पर भारत में नाराजगी बढ़ गई है। सहारनपुर में रह रहे भगत सिंह के परिवार ने इस बयान की घोर निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान में एक संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक बताया है। साथ ही, परिवार ने भारत सरकार से अपील की है कि इस विचारधारा और बयान की कड़ी निंदा की जाए। दरअसल, लाहौर की एक अदालत ने वर्ष 2018 में पंजाब सरकार से कहा था कि लाहौर के प्रसिद्ध शादमान चौक का नाम बदलकर क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर रखा जाए। इसके जवाब में हाल ही में पंजाब सरकार ने कोर्ट में कहा कि भगत सिंह क्रांतिकारी नहीं, बल्कि एक अपराधी थे और आज के मापदंडों के अनुसार उन्हें आतंकवादी कहा जा सकता है।

पाकिस्तान में भगत सिंह चौक बनाने का विरोध
भगत सिंह के भतीजे, किरणजीत सिंह संधु, जो सहारनपुर के आवास विकास कॉलोनी में रहते हैं, ने इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि भगत सिंह केवल भारत के नहीं थे; उन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए संघर्ष किया था, जिसमें आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह को किसी धर्म या देश से नहीं जोड़ा जा सकता। पाकिस्तान में भगत सिंह के कई चाहने वाले हैं, और वहां एक चौक पर, जहां पहले फांसीघर हुआ करता था, उनके नाम का स्मारक बनवाने का प्रस्ताव रखा गया था। जब इस प्रक्रिया की शुरुआत हुई, तो कुछ कट्टरपंथी समूहों ने विरोध करना शुरू कर दिया, यह तर्क देते हुए कि भगत सिंह एक सिख थे और इसलिए उनके नाम पर चौक का नाम नहीं रखा जाना चाहिए। किरणजीत ने इस तर्क को संकीर्ण सोच का उदाहरण बताया और कहा कि भगत सिंह की विरासत को किसी धर्म या जाति की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता।

भारत सरकार से समर्थन की मांग
किरणजीत सिंह संधु ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह इस विचारधारा के खिलाफ स्पष्ट आवाज उठाए और भगत सिंह की छवि को अपमानित करने की कोशिश का विरोध करे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भगत सिंह के कई समर्थक हैं जो उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं। पत्रकार कुलदीप नैयर ने भी पाकिस्तान में भगत सिंह के सम्मान की बात कही थी, जब उन्होंने वहां उनकी एक तस्वीर देखी थी। संधु ने कहा कि भगत सिंह को आतंकी कहने वाले विचार उसी अंग्रेजी मानसिकता का प्रतीक हैं, जिसने भारतीयों को अपने अधिकारों से वंचित रखा।

लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने का था उद्देश्य
भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह संधु ने इस बयान की पृष्ठभूमि में उन लोगों को जवाब दिया जो भगत सिंह को एक अंग्रेज अधिकारी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या की थी, जिन्होंने लाठीचार्ज के दौरान लाजपत राय पर हमला किया था। संधु ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान में भगत सिंह के अनुयायी और भारत सरकार मिलकर इस संकीर्ण मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाएंगे, ताकि भगत सिंह की क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में छवि को संरक्षित रखा जा सके। 

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