वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के लिए बनी संयुक्त संसदीय कमेटी यानी जेपीसी ने दिल्ली में जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई।
वक्फ बिल पर लिए जा रहे सुझाव : जेपीसी ने जमीयत के प्रतिनिधिमंडल के साथ की बैठक, कई सिफारिशें प्रस्तुत
Oct 15, 2024 20:16
Oct 15, 2024 20:16
- वक्फ बिल पर लिए जा रहे सुझाव
- जमीयत के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक
- जेपीसी से मिला था प्रतिनिधिमंडल
संवैधानिक पहलुओं पर हुई चर्चा
संसद भवन के एनेक्सी के मुख्य समिति कक्ष में सोमवार को यह बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रतिनिधिमंडल ने जेपीसी के समक्ष वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सिफारिशें लागू की गईं। जमीयत की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील रऊफ रहीम ने वक्फ बिल के संवैधानिक पहलुओं का विश्लेषण प्रस्तुत किया।
कई दिग्गज रहे उपस्थित
प्रतिनिधिमंडल में सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी अकरमुल जब्बार खान, जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, सचिव मौलाना नियाज अहमद फारुकी, सलाहकार सुल्तान खान आदि शामिल थे। मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में जेपीसी के साथ चली लंबी बैठक में विचार-विमर्श किया गया।
जेपीसी को मिले हैं कई सुझाव
JPC को अब तक 84 लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 70 बॉक्स में लिखित सुझाव भेजे गए हैं। इसके साथ ही, कई मुस्लिम संगठनों ने वक्फ बिल पर अपनी चिंताओं का इजहार किया है। मोदी सरकार ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (खात्मा) विधेयक 2024 पेश किए। सरकार का दावा है कि इन विधेयकों का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कार्यों में सुधार और वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन करना है। हालांकि, विपक्ष ने कुछ प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति की थी, जिसके बाद विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया।
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