किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को संसद में पेश हुए अंतरिम बजट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है।
Interim Budget 2024 : केंद्र सरकार पर भड़के राकेश टिकैत, बजट को बताया किसानों के साथ धोखा
![केंद्र सरकार पर भड़के राकेश टिकैत, बजट को बताया किसानों के साथ धोखा](https://image.uttarpradeshtimes.com/rakesh-tikait-on-budget-2024-4628.jpg)
Feb 01, 2024 15:56
Feb 01, 2024 15:56
- राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर बोला हमला
- बजट को बताया चुनावी ढकोसला
- किसानों के लिए बजट को बताया धोखा
'देश के किसानों के साथ धोखा है बजट'
अंतरिम बजट पेश होने के बाद राकेश टिकैत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भड़क गए और बजट को किसानों के लिए धोखा बता दिया। राकेश टिकैत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा- 'आज नई संसद में पुराने ढर्रे पर पेश अंतरिम बजट केवल चुनावी ढकोसला है। यह देश के किसानों, गरीबों, युवा, आदिवासी, महिलाओं के साथ धोखा है। भारतीय किसान यूनियन इस बजट को सिरे से नकारती है।'
फसल बीमा और सम्मान निधि योजना को बताया गायब
भारतीय किसान यूनियन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में फसल बीमा योजना और पीएम सम्मान निधि योजना को धरातल से गायब बताया गया है। इसमें लिखा गया है कि 'वित्त मंत्री ने कहा कि 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा योजना व 11.8 करोड़ किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि धरातल पर यह दोनों योजनाएं पूर्ण तरीके से गायब हैं। देश में बेमौसम हुई बरसात व ओलावृष्टि से बहुत से राज्य चपेट में आए। प्रशासन ने जिलास्तर व तहसीलस्तर पर सर्वे तो कराए लेकिन किसानों को उसका लाभ नहीं मिला। पीएम सम्मान निधि में 500 रूपये प्रतिमाह दी जाने वाली धनराशि देश के सबसे मजबूत स्तम्भ और देश के आय के स्रोत कृषक का भला नहीं कर सकती है। यह सिर्फ आंकड़ों में नजर आती है।'
'डिफॉल्टर कंपनी को दिया महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट'
प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एक दिवालिया कंपनी को दे दिया है। राकेश टिकैत ने लिखा- 'भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूर्व में भी देश की डिफॉल्टर कम्पनी नागार्जुन फर्टिलाईजर्स एण्ड कैमिकल्स लिमिटेड को दिया, जो कि 1500 करोड़ रूपये न चुका पाने के कारण दिवालिया घोषित कर दी गयी। इस योजना से अगर ऐसी डिफॉल्टर कम्पनियां और कॉरपोरेट कम्पनियां फसल खरीद के नाम पर जुड़ेंगी, इसका सीधा नुकसान देश के किसानों को होगा।
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