पहली बार लोकसभा सांसद बने हरेंद्र मलिक : भाजपा प्रत्याशी को हराकर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर कराई सपा की वापसी

भाजपा प्रत्याशी को हराकर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर कराई सपा की वापसी
UPT | हरेंद्र मलिक

Jun 04, 2024 20:32

हरेंद्र मलिक के राजनीतिक शुरुआत की बात करें तो साल 1982 में हरेंद्र मलिक ने ग्राम पंचायत सदस्य (बीडीसी) के चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। 3 साल बाद ही उन्हें विधायक बनने का मौका मिला जब...

Jun 04, 2024 20:32

Short Highlights
  • हरेंद्र मालिक ने 24 हजार 672 वोटों से इस चुनाव को जीत लिया है। 
  • हरेंद्र मालिक ने मौजूदा सांसद संजीव बालियान को चुनाव में हराया है।
Loksabha Chunav : लोकसभा चुनाव के पहले ही चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे हॉट सीट मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर चुनाव हो गए थे। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुकाबला बहुत जोरदार हुआ था। इस मुकाबले में सपा के प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने इस चुनाव को जीत लिया है। हरेंद्र मलिक ने भाजपा नेता और दो बार के सांसद संजीव बालियान को 24 हजार 672 वोटों से चुनाव में हरा दिया है। हरेंद्र मलिक पहली बार लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं।

1985 में पहली बार बने विधायक
हरेंद्र मलिक के राजनीतिक शुरुआत की बात करें तो साल 1982 में हरेंद्र मलिक ने ग्राम पंचायत सदस्य (बीडीसी) के चुनाव से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की। 3 साल बाद ही उन्हें विधायक बनने का मौका मिला जब 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने मलिक को खतौली से टिकट दिया । जिसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते भी। इसके बाद लगातार तीन बार बघरा विधानसभा से विधायक चुने गए। साल 1989, 1991 और 1993 में हरेंद्र मलिक बघरा से चुनकर विधानसभा पहुंचे। विधायकी के अलावा हरेंद्र मलिक लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वो कैराना और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं लेकि उन्हें इन चुनावों में जीत हासिल नहीं हुई।


कई बार बदला है पार्टी
 हरेंद्र मलिक ने अपनी सियासी पारी चौधरी चरण सिंह की लोक दल से शुरू की थी। पहली बार वो विधायक लोक दल के ही टिकट पर बने थे। लेकिन बाद में साल 1991 में जनता दल के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़ा। लेकिन साल 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल में भी रहें । साल 2002 में हरेंद्र मलिक को हरियाणा से राज्यसभा भी भेजा गया था। लेकिन 2004 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2024 के आम चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ सपा के साइकिल पर सवार हो गए थे। जिसके बाद उन्हें प्रत्याशी बनाया गया था।

करोड़ों की कृषि भूमि है हरेंद्र मलिक के नाम
2024 के चुनावी हलफनामे के अनुसार हरेंद्र मलिक के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति है। जमीनों की बात करें तो हरेंद्र मलिक के पास तीन गांवों में लगभग 75 बीघा कृषि के लिए जमीन है। इसके अलावा नगद रुपये की बात करें तो सपा नेता के पास कुल 3.80 लाख की नकदी और इनकी पत्नी के पास दो लाख रुपये की नगदी है। साथ ही अलग-अलग बैंकों में हरेंद्र मलिक के चार खाते हैं। करोड़ो की कृषि भूमि हरेंद्र मलिक के नाम पर है। वाहनों की बात करें तो मलिक के पास एंडेवर, मर्सिडीज जैसी लक्ज़री गाड़ी है और मारुति बलेनो कार है। साथ ही 80 हजार रुपये की रिवाल्वर और एक लाख रुपये की कारबाईन है। साथ ही हरेंद्र मलिक के ऊपर एक केस दर्ज है। इनके ऊपर धारा-144 के उल्लंघन के आरोप में एमपी-एमएलए कोर्ट मुजफ्फरनगर में मामला दर्ज है।

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