अतुल की प्रतिभा ने 'सिस्टम' को झकझोरा : पढ़ाई का खर्च उठाएगी योगी सरकार, मंत्री ने की फोन पर बात, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऐसा टैलेंट छोड़ नहीं सकते

पढ़ाई का खर्च उठाएगी योगी सरकार, मंत्री ने की फोन पर बात, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऐसा टैलेंट छोड़ नहीं सकते
UPT | मुजफ्फरनगर के अतुल का खर्च उठाएगी यूपी सरकार

Oct 02, 2024 14:05

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर के दलित छात्र अतुल की मदद करने का फैसला लिया है। यूपी में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने अतुल और उसके पिता से फोन पर बात की है।

Oct 02, 2024 14:05

Short Highlights
  • अतुल का खर्च उठाएगी यूपी सरकार
  • मंत्री असीम अरुण ने की फोन पर बात
  • सुप्रीम कोर्ट से मिला था न्याय
Muzaffarnagar News : कहते हैं कि अगर कुछ पाने का जूनून हो, तो किस्मत को भी उसके आगे झुकना पड़ता है। मुजफ्फरनगर के अतुल ने इस बात को सच कर दिखाया है। एक छोटे से गांव के रहने वाले दलित छात्र ने अपनी मेहनत के दम पर आईआईटी की परीक्षा पास की, लेकिन पैसे की कमी के चलते समय पर फीस नहीं भर पाया। फिर भी हार नहीं मानी। पहले हाईकोर्ट गया, फिर सुप्रीम कोर्ट। प्रदेश की योगी सरकार भी छात्र के समर्थन में आ गई। मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया और मंत्री असीम अरुण ने छात्र और उसके पिता से बात की। अब सरकार ने अतुल की पढ़ाई का प्रारंभिक खर्च उठाने का फैसला किया है। वहीं हर साल लगने वाली उसकी फीस भी स्कॉलरशिप के माध्यम से वापस कर दी जाएगी। सरकार ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

जब टैलेंट के आड़े आ गई आर्थिक स्थिति
दरअसल मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव टिटोड़ा में अतुल कुमार का परिवार रहता है। आर्थिक रूप से कमजोर अतुल ने दिन-रात मेहनत कर आईआईटी की परीक्षा पास की थी। उसे दाखिले के लिए 17500 रुपये की फीस भरनी थी, लेकिन आर्थिक स्थित बदहाल होने के चलते वह समय पर पैसों का इंतजाम नहीं कर पाया। इस कारण फीस भरने की डेडलाइन भी खत्म हो गई थी।



सुप्रीम कोर्ट से मिला न्याय
निराश होकर अतुल ने पहले झारखंड हाईकोर्ट, फिर मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया। अंत में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को यह आदेश दिया कि वह छात्र को अतिरिक्त सीट पर प्रवेश दे। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हम ऐसे टैलेंट को जाने नहीं दे सकते। अंत में अदालत के हस्तक्षेप से अतुल को आईआईटी धनबाद में प्रवेश मिल गया।

पिता की दिहाड़ी 450 रुपये
टिटोड़ा गांव के रहने वाले अतुल के पिता मेरठ में टेलर का काम करते हैं। उनकी रोजाना की कमाई मात्र 450 रुपये हैं। अतुल ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 1455 रैंक हासिल की थी। उसके दो भाई पहले ही आईआईटी की पढ़ाई कर रहे हैं। एक भाई मोहित हमीरपुर, दूसरा भाई रोहित खड़गपुर आईआईटी में है। चौथा भाई अमित अभी खतौली में ही पढ़ रहा है। अतुल ने कहा कि गांव के ही एक आदमी ने पैसे देने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने नहीं दिए। इस वजह से फीस नहीं भर पाया था।

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