रामपुर तिराहा कांड में गवाही के लिए पहुंची 75 साल की बुजुर्ग गवाह ने अदालत से एक मांग की है। गवाह ने कहा कि खुले न्यायालय में पीड़ा सुनाना मुश्किल होता है और उन्हें अलग से कमरे की...
रामपुर तिराहा कांड : भरी अदालत में बुजुर्ग गवाह न सुना सका अपनी पीड़ा, की अलग कमरे की मांग
Jul 07, 2024 01:44
Jul 07, 2024 01:44
बुजुर्ग गवाह ने की अलग कमरे की मांग
रामपुर तिराहा कांड में अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और बचाव पक्ष के श्रवण कुमार एडवोकेट ने मुख्य पुर्व चमोली से 75 साल की गवाह को अदालत में पेश किया। पीड़िता ने मानव अधिकार उल्लंघन के आरोपों को स्वीकार करते हुए कहा कि उनके साथ 30 साल पहले बुरी तरह से अन्याय हुआ था, जिसें अलग से कमरे में सुना जाए। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को निर्धारित की है।
इसके अलावा बता दें कि अदालत ने आदेश दिया कि जिनके संबंध में गवाही होनी है, उन आरोपियों का हाजिर रहना जरूरी होगा। सीबीआई ने अदालत में सूची दी, जिसके बाद समन जारी किए गए। इसके बाद अगर संबंधित आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुए तो गैर जमानत वारंट जारी किए जाएंगे।
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जानिए पूरा मामला
देहरादून से बसों में सबार होकर अलग राज्य की मांग के लिए अक्टूबर 1994 को अंदोलनकारी दिल्ली की ओर रवाना हुए थे। देर रात, रामपुर तिराहा पर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। आंदोलनकारियों ने पुलिस की बात नहीं सुनी तो पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। जिसमें सात आंदोलनकारी जान गंवा बैठे। इस घटना के बाद सीबीआई ने मामले की गहन जाँच की और इसके दौरान पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए। इसके बाद गंभीर धाराओं के तहत मामलों की सुनवाई अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह द्वारा की जा रहे है।
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