सहारनपुर के जनसेवा केंद्र (मिनी बैंक) में 21 दिसंबर को हुई लूट के मामले में 25 हजार रुपये के इनामी अपराधी विन्नी नागर का बयान सामने आया है। विन्नी ने कहा कि उसने ही लूट की थी...
सहारनपुर से बड़ी खबर : डकैत बोला- बैंक मैंने लूटा, पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में बेगुनाहों को गोली मारी
Dec 31, 2024 17:21
Dec 31, 2024 17:21
सहारनपुर : 21 दिसंबर को हुई लूट के मामले में अपराधी विन्नी नागर ने कहा कि उसने ही लूट की थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में दो बेगुनाह लड़कों के पैरों में गोली मार दी।@saharanpurpol #viralvideo #Saharanpur pic.twitter.com/xB71hVR9DH
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) December 31, 2024
बढ़ाया गया आरोपी लगा इनाम
SP देहात सागर जैन ने पुष्टि की कि विन्नी नागर लूट में शामिल था और उस पर पहले 25 हजार रुपये का इनाम था, जिसे अब बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। उन्होंने इस मामले में DIG को पत्र भेजा है और कहा है कि विन्नी नागर समेत चार आरोपी अभी भी फरार हैं, जिन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
फेसबुक पर अपलोड किया वीडियो
विन्नी नागर ने अपने फेसबुक पर तीन वीडियो अपलोड किए, जिसमें उसने बताया कि लूट के वक्त वे छह लोग थे, जिनमें से एक बाहर खड़ा था और पांच लोग जनसेवा केंद्र के अंदर थे। उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने निखिल और इस्तखार को गलत तरीके से फंसा दिया। निखिल के पास कोई पैसा नहीं था, फिर भी पुलिस ने उसे 23 हजार रुपये बरामद कर दिखा दिया। निखिल केवल मजदूरी करता था और उसे पुलिस ने प्रधान के कहने पर गिरफ्तार किया।
सपा ने साझा किया पोस्ट
वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया है। पोस्ट में लिखा गया है कि सहारनपुर बैंक लूट/जनसेवा केंद्र घटना में पुलिस ने फर्जी खुलासा और फर्जी एनकाउंटर कर दिया और फर्जी कहानी गढ़कर फर्जी पैसा बरामद दिखा दिया। यूपी में पुलिस की वर्किंग स्टाइल टोटल फर्जी है और इसका खुलासा खुद लुटेरे युवक के वीडियो से हो रहा है। साथ ही सपा ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम योगी किसी भी घटना होने पर जल्दबाजी में/आनन फानन में खुलासा करवाते हैं और फर्जी एनकाउंटर करवाते हैं।
सहारनपुर बैंक लूट/जनसेवा केंद्र घटना में पुलिस ने फर्जी खुलासा और फर्जी एनकाउंटर कर दिया और फर्जी कहानी गढ़कर फर्जी पैसा बरामद दिखा दिया👇
— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 31, 2024
यूपी में पुलिस की वर्किंग स्टाइल टोटल फर्जी है और इसका खुलासा खुद लुटेरे युवक के वीडियो से हो रहा है
सीएम योगी किसी भी घटना होने पर… pic.twitter.com/B5cwr5HbgL
आरोपी ने इन बातों का भी किया जिक्र
विन्नी ने यह भी स्पष्ट किया कि जुनैद लूट में शामिल था, लेकिन उसका भाई इस्तखार इस मामले में शामिल नहीं था, फिर भी पुलिस ने उसे भी अपराधी बना दिया। जनसेवा केंद्र के संचालक ने डेढ़ लाख रुपये की लूट की बात कही, जबकि असल में वे लोग केवल 6900 रुपये लूटकर गए थे। विन्नी ने 2011 में खुद पर लगे आरोपों का जिक्र भी किया, जब उसे रंजिशन जेल भेजा गया था और उसे सात साल की सजा हुई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने ढाई साल बाद उसे बरी कर दिया। इसके बाद उसे मारपीट के मामले में फंसाया गया और अब उसके खिलाफ 19 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
जानें पूरा मामला
गौरतलब है कि अंबेहटा पीर के मुख्य बाजार में एसबीआई बैंक के सामने अखिलेश जैन का जनसेवा केंद्र स्थित था। 21 दिसंबर को सुबह आठ बजे जब केंद्र के कर्मचारी काम कर रहे थे, तभी दो बाइकों पर सवार चार नकाबपोश बदमाश वहां पहुंचे। बदमाशों ने कर्मचारियों पर बंदूक तान दी और उनसे पैसे जल्दी लाने की धमकी दी। जब कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उन्हें गोली मारने की धमकी दी और डर के मारे कर्मचारियों ने कैश की दराज उनके सामने रख दी। इसके बाद बदमाश डेढ़ लाख रुपये लूटकर फरार हो गए।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
जनसेवा केंद्र के कर्मचारी शुभम जैन और शुभरान्श जैन ने बदमाशों का पीछा करने की कोशिश की। शुभम जैन अपनी कार से बदमाशों का पीछा कर रहे थे, लेकिन बदमाश भागने में सफल रहे। हालांकि, पूरी घटना का CCTV फुटेज जनसेवा केंद्र में कैद हो गया। इस वीडियो में चार बदमाश हुडी पहने हुए थे। एक ने लाल रंग की, दूसरे ने काले रंग की, तीसरे ने आसमानी रंग की और चौथे ने हल्के पीले रंग की हुडी पहनी थी। इनमें से दो बदमाशों के पास तमंचा था। उन्होंने पहले कर्मचारियों से मोबाइल छीने और फिर पैसे लूटकर फरार हो गए।
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