उत्तर प्रदेश के जलालाबाद स्थित ऐतिहासिक किले के संरक्षण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदू संगठन और मनहार खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति किले को पुरातत्व विभाग को सौंपने की मांग कर रहे हैं।
Shamli News : प्रशासन की जांच में आबादी के नंबर में निकली किले की जमीन, पुरातत्व विभाग लेगा निर्णय
Jan 03, 2025 23:32
Jan 03, 2025 23:32
किले का ऐतिहासिक महत्व और विवाद
जलालाबाद का यह किला कई सौ साल पुराना है और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में देखा जाता है। वर्तमान में इस किले में रालोद विधायक अशरफ अली अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। कुछ समय पहले, मनहार खेड़ा दुर्ग कल्याण समिति ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर किले को पुरातत्व विभाग को सौंपने की मांग की थी। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और किले की ऐतिहासिकता और संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रशासन की कार्रवाई और रिपोर्ट
इस विवाद के बाद पुरातत्व विभाग ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर किले से संबंधित सभी रिकॉर्ड, जैसे खसरा खतौनी, राजस्व नक्शा, गाटा संख्या, और रकबा की जानकारी मांगी थी। जिला प्रशासन ने 29 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ स्थित पुरातत्व विभाग को भेज दी।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष
एसडीएम सदर हामिद हुसैन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में राजस्व रिकॉर्ड में किले की जमीन को आबादी नंबर के रूप में दर्ज पाया गया है। फिलहाल इस जमीन को किसी की पैतृक संपत्ति या किले के रूप में दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई शासन के आदेश के अनुसार की जाएगी।
अंतिम निर्णय का इंतजार
इस मामले को लेकर प्रशासन विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। किले की ऐतिहासिकता और उसके संरक्षण को लेकर अंतिम निर्णय पुरातत्व विभाग को लेना है। हिंदू संगठनों और स्थानीय समिति की मांगों के चलते यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। प्रशासन का कहना है कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं की गहन जांच की जाएगी।
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